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Chandigarh Transport Undertaking ड्राइवर भर्ती पर रोक, दूसरी बार परीक्षा परिणाम जारी होने पर शुरू हुआ था विवाद, पढ़ें पूरा मामला

चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम (Chandigarh Transport Undertaking) ड्राइवर भर्ती प्रक्रिया पर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेव ट्रिव्यूनल (कैट) ने रोक लगा दिया है। जुलाई 2023 में हुई परीक्षा के दौरान विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर पेपर देते हुए फर्जी आवेदक भी पकड़े गए थे। चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम की भर्ती प्रक्रिया को पंजाब यूनिवर्सिटी आयोजित करवा रहा है। परीक्षा परिणाम दो बार जारी होने के बाद से विवाद शुरू हुआ था।

By Jagran News Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 24 Jul 2024 02:21 PM (IST)
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चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम ड्राइवर भर्ती पर लगाई गई रोक (फोटो- CTU वेबसाइट)

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम (सीटीयू) की तरफ से की जा रही ड्राइवर भर्ती प्रक्रिया पर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेव ट्रिव्यूनल (कैट) ने रोक लगा दी है। सीटीयू वर्ष 2023 में 46 ड्राइवर सहित कुल 131 पदों पर भर्ती शुरू की थी।

भर्ती के लिए लिखित परीक्षा जुलाई 2023 में हुई थी जिसमें शहर में बनाए गए विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर फर्जी आवेदक पेपर देते हुए पकड़े गए थे।

फर्जी आवेदक पकड़े जाने के बावजूद चंडीगढ़ प्रशासन के सीटीयू विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को जारी रखा और जनवरी महीने में रोड टेस्ट करवाया। रोड टेस्ट सीटीयू ने चंडीगढ़ या पंचकूला-मोहाली की किसी वर्कशॉप में करवाने के बजाए हरियाणा के बहादुरगढ़ में बनी हुई अति आधुनिक वर्कशॉप में कराया।

10 दिन के अंतराल में दो बार जारी किया परिणाम

जून में लोकसभा आचार संहिता खत्म होने के बाद दस दिन के अंतराल में दो बार परिणाम जारी किया गया। दूसरी बार जारी परिणाम में 18 नए आवेदकों को जोड़ दिया गया था जिसके बाद आवेदक लगातार शिकायतें कर रहे थे।

सीटीयू की भर्ती प्रक्रिया को पंजाब यूनिवर्सिटी आयोजित करवा रहा है। परीक्षा परिणाम दो बार जारी होने पर आवेदकों ने पहले निदेशक सीटीयू और उसके बाद सलाहकार राजीव वर्मा को भी शिकायत दी थी।

सार्वजनिक विज्ञापन से उलट लिया रोड टेस्ट

वर्ष 2023 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा के बाद रोड टेस्ट का प्रारूप जारी किया गया था। जनवरी 2024 में जिस समय हरियाणा के बहादुरगढ़ में जाकर रोड टेस्ट लिया गया और पुराने प्रारूप को बदल दिया गया। प्रारूप बदलने की आवेदकों के पास कोई जानकारी नहीं थी। बहादुरगढ़ वर्कशाप पहुंचने के बाद ही आवेदकों को बताया गया कि टेस्ट का प्रारूप बदल दिया गया है।

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'आटोमैटिक जनरेट होता है परिणाम'

सीटीयू भर्ती का पंजाब यूनिवर्सिटी ने दो बार लिखित परीक्षा परिणाम जारी किया था। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद दैनिक जागरण संवाददाता ने निदेशक सीटीयू प्रद्मुन सिंह से बात की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि बहादुरगढ़ की वर्कशाप आटोमैटिक है। आटोमैटिक वर्कशाप में रोड टेस्ट का परिणाम भी आधुनिक तरीके से तैयार होकर जारी होता है।

आटोमैटिक तरीके से दो प्रकार का परीक्षा परिणाम जारी होता है। एक परीक्षा परिणाम में पास-फेल ही लिखकर आता है जबकि दूसरे में रोड टेस्ट की एक्सेल शीट बनाकर दी जाती है। परिणाम बनाने के लिए पहले पास-फेल लिखे आए हुए बंडल को देखकर ही निर्णय लिया जाता है।

किसी भी प्रकार की आपत्ति होने पर एक्सेल बंडल पैकेट को खोला जाता है और परिणाम को चेक किया जाता है। यही प्रक्रिया पंजाब यूनिवर्सिटी ने की जिसके कारण दूसरी बार में 18 नए आवदेक बढ़ गए जबकि वह पहले बंडल पास फेल वाले में शामिल ही नहीं थे।

आवेदकों ने सलाहकार को भी दी है शिकायत

लिखित परीक्षा और निदेशक की तरफ से दिए उत्तर पर आवेदकों ने सलाहकार राजीव वर्मा को शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि सीटीयू की तरफ से की गई प्रक्रिया पूरी तरह से गलत है। दूसरी बार जारी परिणाम में 18 ऐसे लोगों के नाम जोड़ा गया है जिनका पहली लिस्ट में नाम पास होने की सूची में भी नहीं था।

इसी प्रकार से बहादुरगढ़ जाकर टेस्ट लेने और उस टेस्ट के बावजूद गलती होने का उत्तर आधारहीन है। सलाहकार ने मामले की जांच सीटीयू सचिव विनय प्रतात सिंह को सौंपी थी।

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