पाकिस्तान जाने को अब पंजाब को ट्रांजैक्ट रूट बना रहे हैं बांग्लादेशी रोहिंग्या, पांच जिलों में अलर्ट
बांग्लादेशी रोहिंग्या अब पाकिस्तान जाने के लिए पंजाब को ट्रांजैक्ट रूट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे राज्य में शांति व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो गया है। जम्मू-कश्मीर में सख्ती के बाद रोहिंग्या ने पंजाब से होकर जाने का रास्ता अपनाया है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 14 Mar 2021 10:10 AM (IST)
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब की शांति और कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती पैदा होती दिख रही है। जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से की गई सख्ती के बाद क्या बांग्लादेशी रोहिंग्या अब पंजाब को पाकिस्तान जाने के लिए ट्रांजैक्ट रूट बना रहे हैं। इस सवाल ने खुफिया एजेंसियों को परेशान कर रखा है। इस संबंध में पंजाब पुलिस और सीमवर्ती जिलों को अलर्ट किया गया है। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने राज्य के सभी जिला पुलिस प्रमुखों और खासतौर पर पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के प्रशासन व पुलिस से रिपोर्ट भेजने और हालात पर नजर रखने को कहा है।
काबिले गौर है कि पंजाब के कई इलाकों में रोहिंग्या के होने की सूचना है लेकिन अभी इनकी पहचान को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। रोहिंग्या के अलावा बांग्लादेशी और पश्चिम बंगाल से आकर काम करने वाले भी हैं जिनके चलते इनकी पहचान नहीं हो पाती। इंटेलिजेंस विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इन्होंने पाकिस्तान सहित अन्य इस्लामिक देशों में जाने के लिए पंजाब को ही ट्रांजैक्ट रूट बना लिया है। हमने थाना स्तर पर इसकी रिपोर्टें मंगवाई हैं। असल दिक्कत इनकी पहचान को लेकर है। बहुत से रोहिंग्या के डेराबस्सी, लालड़ू आदि क्षेत्रों में होने की सूचना मिली है। ये लोग यहां पर बने स्लॉटर हाउस में काम कर रहे हैं।
मोहाली जिले के डेराबस्सी व लालडू के आसपास के क्षेत्रों में म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों की मौजूदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। वे उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोहिंग्याओं के सफर पर नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने चेतावनी दी है। इनमें कुछ गैरकानूनी प्रवासी देश विरोधी तत्वों के संपर्क में हैं। इस कारण उनकी निगरानी बढ़ा दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार किए एक अनुमानित रिपोर्ट अनुसार डेराबस्सी व लालडू को जोडऩे वाले गांवाें में लगभग 60-70 रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन लोगों की संख्या लगभग 200 से 250 के लगभग बताई जा रही है। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो कुछ समय के लिए यहां रहते हैं और फिर जालंधर व जम्मू जैसे स्थानों पर चले जाते हैं।डेराबस्सी व लालडू के अधीन पड़ते गांवों इसके आसपास के इलाकों की पहचान की गई है जहां ये रोहिंग्या शरणार्थी ठहर रहे हैं। इनमें ज्यादातर रोहिंग्या डेराबस्सी व उसके आसपास स्थित मछली बेचने व मीट प्रोसेसिंग प्लांटों पर नौकरी करते हैं। इनमें ज्यादातर दिहाड़ीदार हैं और यह माना जा रहा है उनको मजदूर ठेकेदारों द्वारा इनकी इच्छा अनुसार रोजगार दिया जाता है और ठेकेदार ही उनको आवासीय सुविधा मुहैया करवाते हैं।
बताया जाता है कि खेड़ी गुज्जरां , समगोली व जौल खुर्द ऐसे कई गांव हैं जहां सुरक्षा एजेंसियों ने रोहिंग्याओं का पता लगाया गया है। जांच में यह बात सामने आई है कि इनमें से बहुत से लोगों के पास संयुक्त राष्ट्र के हाई कमिश्नर ऑफ रिफ्यूजी (यूएनएचसीआर) के दफ्तर द्वारा मुहैया करवाए गए पहचान पत्र हैं। पंजाब पुलिस के सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी किया है कि इनमें कुछ शरणार्थी भारतीय पहचान दस्तावेज को प्राप्त करने में कामयाब हो गए हैं, इसलिए उनके दस्तावेजों की दोबारा जांच शुरू की जा रही है। बाहरी हिस्सों में सिंगल कमरों में रहने वाले ज्यादातर लोगों ने अपनी पहचान पश्चिम बंगाल के निवासी के तौर पर करवाई हैं और इस बात से इन्कार किया है कि वे रोहिंग्या हैं।
यह मामला काफी संवेदनशील है इसलिए इस पर कोई भी बात करने से डरता है। पुलिस ने भी खामोशी साध रखी है। यहां तक कि इस मामले में पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता से भी बात करने की कोशिश की गई । उनके व्हाट्सअप पर मैसेज भी भेजे गए लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यह भी पढ़ें: पंजाब में नए टैक्स की मार, पुराने वाहनों पर सरकार वसूलेगी ग्रीन टैक्स, विधानसभा में बिल पास
यह भी पढ़ें: विधानसभा परिसर में SAD विधायकों की हरियाणा के सीएम काे घेरने की कोशिश, सुरक्षा घेरे में निकल गए मनोहर
हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें