Punjab Assembly: विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेसियों ने सीएम मान के खिलाफ की नारेबाजी, बताया- 'दलित विरोधी'
पंजाब विधानसभा सत्र (Punjab Assembly Session) का कल का दिन काफी हंगामे भरा था सीएम मान ने आदमपुर से कांग्रेस विधायक सुखविंदर कोटली को लेकर आपत्तिजनक बात कह दी। इसके साथ ही कल सीएम मान और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। वहीं आज विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेसियों ने सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सीएम को दलित विरोधी बताया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Punjab Assembly Live पंजाब विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सीएम भगवंत मान और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ था। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान दोपहर बाद अपनी ही एक टिप्पणी पर फंस गए। इसको लेकर आदमपुर के विधायक सुखविंदर कोटली ने कांग्रेस विधायकों के साथ पंजाब सरकार के खिलाफ विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
सीएम भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा सत्र के दूसरे दिन यानी कल आदमपुर के विधायक सुखविंदर कोटली को कहा कि इनका दिमाग खराब हो गया है, इसे जुत्ती सुंघाओ। इसको लेकर आदमपुर के विधायक भावुक हो गए और उनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई थीं।
आदमपुर विधायक ने खोला सीएम मान के खिलाफ मोर्चा
वहीं, पंजाब विधानसभा सत्र के तीसरा दिन शुरू होने से पहले आदमपुर के विधायक सुखविंदर कोटली ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनके साथ विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और दीनानगर से पार्टी विधायक अरुण चौधरी भी दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री भगवंत मन की सुखविंदर कोटली के खिलाफ कल की गई टिप्पणी से नाराज हैं।
विपक्ष नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कल मुख्यमंत्री ने जिस तरह का तौर तरीका इस्तेमाल किया है वह आज तक कभी नहीं किया गया। जो कुछ हुआ है। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने सारा बिजनेस मुख्यमंत्री के ड्रामे के लिए बदला था। काबिले गौर है कि कल प्रश्न काल और शून्य काल गवर्नर एड्रेस पर हुई बहस के बाद लिया गया।
एडजर्नमेंट मोशन के चलते सीएम मान ने रचा ड्रामा- बाजवा
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कल पार्टी किसानों के मुद्दे और डॉक्टर स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट पर फसलों के भाव तय करने संबंधी एडजर्नमेंट मोशन लाना चाहती थी इसलिए जैसे ही इन्हें पता लगा कि पार्टी यह काम कर रही है तो मुख्यमंत्री में अपना ड्रामा रचा और गवर्नर एड्रेस पर बहस शुरू कर दी जबकि जो बिजनेस हमें भेजा गया था उसके अनुसार काम नहीं किया गया।
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बेशक लोकसभा हो या राज्यों की विधानसभा, राष्ट्रपति या राज्यपाल के अभिभाषण पर होने वाली बहस के बिल्कुल अंत में मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बोलते हैं क्योंकि उन्होंने उसे बहस का जवाब देना होता है लेकिन यहां नई परंपराएं शुरू की जा रही हैं।ये भी पढ़ें: Mahashivratri 2024: पंजाब में जुड़वा शिवलिंग का खास महत्व, ब्रह्मा-विष्णु के युद्ध से जुड़ी ये रोचक कहानी
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