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Punjab Politics: लोकसभा चुनाव से पहले सुखबीर सिंह बादल को मायावती ने भी दिया झटका, बसपा अपने दम पर लडे़गी चुनाव

BSP and SAD Alliance Broken पंजाब में बहुजन समाज पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल के साथ अपना दो साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया। मायावती ने कहा कि पार्टी लोकसभा का चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी। भाजपा से गठबंधन पर बात से पहले शिअद ने रोके कदम बसपा द्वारा गठबंधन तोड़ने के फैसले से अकाली दल की परेशानी बढ़ गई है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Wed, 14 Feb 2024 11:32 AM (IST)
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Punjab News: पंजाब में बसपा और शिअद का दो वर्ष पुराना गठबंधन टूटा।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ दो वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ दिया है। बसपा (BSP) ने यह निर्णय मंगलवार को राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया। वहीं, शिअद को तीन तरफ से झटका लगा है। एक तो बसपा ने गठबंधन तोड़ लिया, दूसरा किसान आंदोलन के कारण भाजपा के साथ शिअद की चल रही बातचीत अधर में लटक गई है।

मायावती ने लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ने का किया फैसला

तीसरा झटका आप ने दिया है। शिअद के मालवा जोन के अध्यक्ष व पटियाला से 2022 का विधानसभा लड़ने वाले हरपाल जुनेजा ने पार्टी को अलविदा कह कर आप की सदस्यता ले ली है। बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने पहले ही यह निर्णय ले लिया था कि पार्टी लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी।

हालांकि, पंजाब में शिअद के साथ गठबंधन पर उन्होंने कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए थे, जिसे लेकर यह कयास लगाए जा रहे थे कि शिअद और बसपा का गठबंधन पंजाब में रहेगा। इस बीच शिअद नेता लगातार अपने पुराने साथी भाजपा के साथ गठबंधन करने का दबाव बना रहे थे।

शिअद और भाजपा के बीच गठबंधन पर चल रही थी चर्चा

शिअद और भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर हो रही बातचीत के बीच तीन जनवरी को अमृतसर में होने वाली तालमेल कमेटी की बैठक को भी टाल दिया गया था। उस समय यह तर्क दिया गया कि बैठक पंजाब बताओ यात्रा के कारण टाल दी गई।

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अब मंगलवार को हुई पार्टी की बैठक में बसपा के रणधीर सिंह बेनीवाल ने बताया कि शिअद की ओर से लगातार पार्टी को नजरअंदाज किया जा रहा है। शिअद की भाजपा के साथ गुप्त बैठकें हो रही हैं, इसलिए बसपा-शिअद के साथ गठबंधन नहीं कर सकती।

किसान आंदोलन के कारण शिअद-भाजपा के गठबंधन पर भी संशय

भाजपा से गठबंधन पर बात से पहले शिअद(SAD) ने रोके कदम बसपा द्वारा गठबंधन तोड़ने के निर्णय से शिअद की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि अभी उसकी भाजपा के साथ गठबंधन करने को लेकर बात सिरे नहीं चढ़ी है। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल(Sukhbir Singh Badal) दो दिनों से दिल्ली में डटे हैं।

मंगलवार को उनकी भाजपा के नेताओं के साथ बैठक होनी थी, लेकिन पंजाब में किसानों की सक्रियता के कारण शिअद ने गठबंधन को लेकर अपने कदम रोक लिए हैं। 2020 में भी शिअद ने कृषि कानून को लेकर ही भाजपा से गठबंधन तोड़ा था।

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