SGPC प्रधान का चुनाव लड़ने पर अड़ी जागीर कौर को शिअद ने पार्टी से निकाला, अनुशासन कमेटी के सामने नहीं हुईं पेश
एसजीपीसी प्रधान पद का चुनाव लड़ने की जिद पर अड़ी शिअद नेत्री बीबी जागीर कौर को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अनुशासन समिति ने आज सोमवार को उन्हें बुलाया था लेकिन वह वह कमेटी के समक्ष पेश नहीं हुईं।
By Jagran NewsEdited By: Kamlesh BhattUpdated: Mon, 07 Nov 2022 01:26 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (SAD) की अनुशासन कमेटी आज सोमवार को अपना पक्ष रखने के लिए पार्टी की वरिष्ठ नेत्री बीबी जागीर कौर को बुलाया था, लेकिन जागीर कौर पेश नहीं हुई। पार्टी ने इस अनुशासनहीनता को देखते हुए बीबी जागीर कौर को पार्टी से निकाल दिया है। शिअद अनुशासन कमेटी के चेयरमैन सिकंदर सिंह मलूका, विरसा सिंह वल्टोहा, डा. सुखविंदर सुक्खी व शरणजीत सिंह ढिल्लों ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस मे ंकहा कि आज के बाद बीबी जागीर कौर का पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है।
बता दें, बीबी जागीर कौर पार्टी के फैसले से इतर एसजीपीसी चुनाव लड़ने पर अमादा थीं। वह 1995 में पार्टी में शामिल हुई थी। इस दौरान वह कई अहम पदों पर रही। वह एसजीपीसी की प्रधान भी रह चुकी हैं। शिअद ने बीबी जगीर कौर को पहले रविवार तक का समय दिया था, लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें पक्ष रखने के लिए सोमवार तक का समय दिया, लेकिन बीबी जागीर कौर अनुशासन कमेटी के समक्ष पेश नहीं हुई।
पत्रकारों से बातचीत करते सिकंदर सिंह मलूका, विरसा सिंह वल्टोहा, डा. सुखविंदर सुक्खी व शरणजीत सिंह ढिल्लों। जागरणइससे पहले जगीर कौर को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस का जवाब उन्होंने भेज दिया था। बीबी जगीर कौर ने अपने जवाब में कारण बताओ नोटिस पर ही सवाल खड़े किए थे। शनिवार को कारण बताओ नोटिस के जवाब में बीबी जगीर कौर ने लिखा था कि मुझे सूचित किया जाना चाहिए कि शिअद के संविधान की किस धारा के अनुसार मुझे निलंबित किया गया, क्योंकि जिस समय मेरे खिलाफ अनुशासन भंग करने की कार्रवाई की गई, उस समय तक पार्टी ने किसी भी सदस्य को एसजीपीसी के अध्यक्ष पद के लिए घोषित नहीं किया गया था।
बीबी जागीर कौर ने कहा था कि ऐसे में उन्हें निलंबित क्यों किया गया। उन्होंने कमेटी से यह भी जानकारी मांगी थी कि अगर उनके खिलाफ किसी ने लिखित शिकायत दी है तो उसका विवरण दिया जाए। साथ ही उन्होंने लिखा था कि शिअद का पूरा ढांचा प्रधान ने भंग कर दिया है। केवल कार्यसमिति ही अस्तित्व में है ऐसे में बताया जाए कि कार्यसमिति की बैठक कब हुई। अनुशासन समिति का गठन कब किया गया। कमेटी ने निलंबित करने पहले उनका पक्ष क्यों नहीं सुना। बिना सुनवाई के किसी को निलंबित करना शिअद के संविधान के नियमों के विरुद्ध है।
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