Move to Jagran APP

गुरमीत राम रहीम पर शिकंजा, लेकिन निशाना शिअद, अमरिंदर का 2022 के चुनाव से पहले बडा दांव

पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने 2022 के चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। बेअदबी कांड की जांच में शिकंजा तो गुरमीत राम रहीम पर है लेकिन असली निशाना शिअद पर है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 08 Jul 2020 08:19 AM (IST)
Hero Image
गुरमीत राम रहीम पर शिकंजा, लेकिन निशाना शिअद, अमरिंदर का 2022 के चुनाव से पहले बडा दांव

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। डेरा सच्चा सौदा के मजबूत आधार वाले मालवा क्षेत्र में नाराजगी की परवाह किए बिना कैप्टन सरकार ने सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुख्य अभियुक्त बनाकर हाथ डाला है। इससे अब लगने लगा है कि आने वाले विधानसभा के चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह इसे ही मुख्य मुद्दे के रूप में उभारेंगे। दरअसल बेअदबी कांड में शिकंजा तो गुरमीत राम रहीम पर कसा जा रहा है, लेकिन असली निशाना शिरोमणि अकाली दल ह‍ै। कैप्‍टन 2022 के विधानसभा चुनाव से बड़ा दांव खेला है।

गुरमीत राम रहीम पर हाथ डालना कैप्‍टन अमरिंदर सरकार का रणनीतिक फैसला

2017 के विधानसभा चुनाव में बेअदबी कांड को मुख्य मुद्दा बनाकर सत्ता में लौटे कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मुद्दे पर सवा तीन साल कुछ नहीं बोले। यहां तक कि तब भी नहीं, जब उनके अपने मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उनसे कहा कि बेअदबी मामले की जांच में तेजी लाकर मुख्य आरोपियों को जेल में डालें। कैप्टन का यही जवाब रहा कि कानून अपना काम कर रहा है।

2017 में भी बेअदबी कांड को मुद्दा बनाकर सत्ता में लौटे थे कैप्टन

अब 2022 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और आए दिन शिरोमणि अकाली दल किसी न किसी मुद्दे को लेकर कैप्टन सरकार की घेराबंदी कर रहा है तो अचानक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम सक्रिय हुई और पहली बार उनका हाथ किसी बड़े व्यक्ति पर पहुंच गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कैप्टन की यह बेहद सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। वह जानते हैं कि कोरोना के कारण आने वाले समय में भी बड़ी पॉलिटिकल रैलियां करना संभव नहीं है। वर्चुअल रैलियों का प्रभाव वैसा नहीं है कि वह वोटरों का रुख बदल दे। इसलिए बेअदबी कांड जैसे मुद्दे पर कैप्टन ने बड़े धीरज वाला रुख अपनाया है।

कैप्टन सरकार इस केस के जरिए अब शिरोमणि अकाली दल की घेराबंदी कर सकती है। अगर गुरमीत राम रहीम को रोहतक की जेल से पूछताछ के लिए पंजाब लाया जाता है या फिर पुलिस टीम को जेल में उनसे पूछताछ करने की इजाजत दी जाती है तो उन्हें माफी देने के पीछे किन नेताओं का हाथ था, समेत कई ऐसे सवालों के जवाब पूछे जा सकते हैं, जिनसे अकाली नेताओं को घेरा जा सकता है।

मालवा के विधायकों को रास नहीं आ रहा फैसला

मालवा के विधायकों को गुरमीत राम रहीम को अभियुक्त बनाना रास नहीं आ रहा है। दरअसल इन विधायकों को मालवा में डेरे का वोट बैंक सता रहा है। उन्हें लगता है कि आने वाले चुनाव में डेरा प्रेमी कांग्रेस के खिलाफ वोट कर सकते हैं।

एक सीनियर विधायक ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि लड़ाई बादल परिवार के खिलाफ है। उन पर हाथ डाला जाना चाहिए था। हालांकि, अभी कोई भी विधायक खुलकर एसआइटी के इस कदम का विरोध नहीं कर रहा है। संभव है कि आने वाले दिनों में वह इसको लेकर पार्टी के अंदर विरोध करें।

यह भी पढ़ें: बड़ा खुलासा, गुरमीत राम रहीम था पंजाब में बेअदबी मामलों का मास्टरमाइंड, SIT करेगी पूछताछ

यह भी पढ़ें: बेहद खास हैं पानीपत की 3D चादरें, दाम में कम व काम में दम, चीन को उसी के वाटरजेट से मात


यह भी पढ़ें: बॉलीवुड स्‍टार आयुष्मान खुराना ने खरीदी पंचकूला में आलीशान कोठी, नौ करोड़ में सौदा

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।