पंजाब सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पंचायत चुनाव के खिलाफ सभी याचिका खारिज; रोक के आदेश भी लिए वापस
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इन याचिकाओं में वार्डबंदी एक परिवार के वोट अलग-अलग वार्ड में बनने और एनओसी जैसे मुद्दे उठाए गए थे। हालांकि कोर्ट ने कुछ याचिकाओं में चुनाव की वीडियोग्राफी की मांग को स्वीकार कर लिया है। हाईकोर्ट के फैसले से पंजाब में पंचायत चुनाव की राह साफ हो गई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में पंचायत चुनाव में वार्डबंदी , एक की परिवार वोट अलग अलग वार्ड में बनने व एनओसी विषय पर दायर लगभग एक हजार के करीब याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने कुछ याचिकाओं में चुनाव की वीडियोग्राफी की मांग को स्वीकार कर लिया।
हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर पर आधारित बेंच ने पिछले सप्ताह हाईकोर्ट द्वारा 270 से अधिक ग्राम पंचायत के चुनाव पर लगाई गई रोक के आदेश को भी वापस ले लिया। विभिन्न आरोपों के तहत सोमवार को आठ सौ के करीब याचिका हाईकोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आई।
इस बीच सरकार ने कोर्ट से उन सभी याचिका पर भी सुनवाई करने का कोर्ट से आग्रह किया जिस पर सुनवाई करते हुए पिछले सप्ताह अवकाशकालीन बेंच ने ग्राम पंचायतों के चुनाव पर रोक लगा दी थी।
राज्य चुनाव आयोग एक स्वतंत्र आयोग
पंजाब सरकार के आग्रह पर कोर्ट ने सभी याचिका पर एक साथ आठ अलग-अलग विषय पर सुनवाई शुरू की। जिसमें वार्डबंदी, नामांकन खारिज करने, वीडियोग्राफी व अन्य पर शुरू की। कोर्ट ने वीडियोग्राफी की मांग की याचिका को छोड़कर सभी याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने याचिकाओं की मेंटेनबलीटी पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य चुनाव आयोग एक स्वतंत्र आयोग है वो सभी तरह के मुद्दों को निपटने में सक्षम है।
याचिका खारिज, हाईकोर्ट का विस्तृत आना बाकी
याची पक्षों की तरह से कोर्ट से आग्रह किया गया कि कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है क्यों की चुनाव में नियमों को ताक पर रखा गया है। जबकि सरकार की तरफ से कहा गया कि चुनाव प्रक्रिया के बीच में हाई कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता है इसलिए सभी याचिका मेंटेनेबल नहीं है।
याची पक्ष की तरफ से चंडीगढ़ मेयर के चुनाव का हवाला देकर कहा गया कि चुनाव के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए फैसला दिया था। सभी पक्षों को को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट का विस्तृत आना बाकी है।उसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कोर्ट ने किस आधार पर याचिकाओं को खारिज किया।
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