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Punjab News: पंजाब पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता, गोल्‍ड़ी बराड़ के तीन गुर्गें गोरखपुर से किए गिरफ्तार

पंजाब पुलिस के हाथ बड़ी लगी है। ज्वाइंट ऑपरेशन में कनाडा में बैठे आतंकी गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) के तीन गुर्गों को उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है। कार्यकारी डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पकडे़ गए तीनों आरोपितों ने बीती 19 जनवरी को चंडीगढ़ के सेक्टर 5 में एक बिजनेसमैन के घर पर गोलीबारी की थी। गोलीबारी के बाद आरोपित बिहार भाग गए थे।

By Rohit Kumar Edited By: Himani Sharma Updated: Mon, 05 Feb 2024 02:35 PM (IST)
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गोल्‍ड़ी बराड़ के तीन गुर्गों को किया अरेस्‍ट (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और पंजाब पुलिस (Punjab Police) के हाथ बड़ी सफलता लगी है। कनाडा में बैठे आतंकी गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) के तीन गुर्गों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है। इस ज्‍वाइंट ऑपरेशन में चंडीगढ़ पुलिस ने भी अपना सहयोग दिया है।

कार्यकारी डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पकडे़ गए तीनों आरोपितों ने बीती 19 जनवरी को चंडीगढ़ के सेक्टर 5 में एक बिजनेसमैन के घर पर गोलीबारी की थी। गोलीबारी के बाद आरोपित बिहार भाग गए थे। आरोपितों को पकड़ने के लिए यूपी की गोरखपुर पुलिस ने भी सहयोग किया। आरोपितों को बिहार से उत्तर प्रदेश आते समय ट्रैक किया गया और गोरखपुर पुलिस के सहयोग से गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया गया।

गिरफ्तार किए गए आरोपित हैं हिस्‍ट्रीशिटर

गिरफ्तार आरोपितों की पहचान बनूड़ के कलोली निवासी अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, बनूड़ के देवीनगर अबरावा के कमलप्रीत सिंह और डेराबस्सी के अमराला के प्रेम सिंह के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपित हिस्ट्रीशिटर है और उनके खिलाफ पंजाब में हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, डकैती और शस्त्र अधिनियम के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज थे।

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प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपित अमृतपाल सिंह और कमलप्रीत सिंह ने चंडीगढ़ के सेक्टर 5 में गोलियां चलाईं, जबकि तीसरे आरोपी प्रेम सिंह ने अपनी वर्ना कार दोनों आरोपितों उपलब्ध करावाई।

गुरुद्वारा पटना साहिब में ली थी शरण

आरोपितों को अपने घर पर शरण देकर अपराध स्थल से भागने में मदद की थी। डीजीपी यादव ने बताया कि बाद में गोल्डी बराड़ के निर्देश पर, तीनों आरोपी 27 जनवरी को बिहार भाग गए। गोल्डी बराड़ द्वारा बिहार के गांव छितौली में उपलब्ध कराए गए ठिकाने पर स्थानांतरित होने से पहले दो दिनों के लिए गुरुद्वारा पटना साहिब में शरण ली।

डीजीपी ने बताया कि 4 फरवरी की सुबह, वे एक नई जगह पर जाने के लिए ठिकाने से चले गए। जिस की जानकारी पुलिस को थी और आरोपित पकड़े गए। इस बीच, एआईजी संदीप गोयल ने कहा कि आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी की उम्मीद है।

कई आपराधिक मामले दर्ज

डीजीपी ने कहा कि बीते शनिवार को भी एजीटीएफ ने लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के दो गुर्गों मनदीप सिंह और जतिंदर सिंह गिरफ्तार किया था। इनमें से मनदीप ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल आरोपियों को ठिकाने मुहैया कराए थे। 2017 में गैंगस्टर दीपक टीनू को भागने में भी मदद की थी।

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दोनों ही आरोपित हिस्ट्रीशिटर थे। इनके खिलाफ पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, डकैती, शस्त्र अधिनियम के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दोनों के पास से 2 पिस्तौल व 12 जिंदा कारतूसों की बरामदगी हुई थी। डीजीपी ने बताया था कि, दोनों गिरफ्तार आरोपियों को उनके विदेशी-आधारित आकाओं द्वारा प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टरों की टार्गेट किलिंग काम सौंपा गया था।

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