सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले बड़ा झटका देने की तैयारी में BJP, AAP के तीन पार्षदों को भाजपा में शामिल करने की तैयारी
भाजपा सोमवार को मेयर चुनाव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले विपक्षी पार्षदों को पार्टी में शामिल करा सकती है और चंडीगढ़ मेयर चुनाव के विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लग सकता है। बता दें कि आप के तीन पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं और यह पार्षद जल्द ही भाजपा में शामिल होकर पाला बदल सकते हैं।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लग सकता है। आप के तीन पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं। यह पार्षद जल्द ही भाजपा में शामिल होकर पाला बदल सकते हैं।
इसके साथ ही भाजपा कांग्रेस के भी कुछ पार्षदों से संपर्क कर रही है, ताकि उसके भी पार्षद भाजपा में शामिल हो सकें। भाजपा सोमवार को मेयर चुनाव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले विपक्षी पार्षदों को पार्टी में शामिल करा सकती है।
बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते हैं विजय घोषित
गौरतलब है कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा के उम्मीदवार मनोज सोनकर थे और आप के उम्मीदवार कुलदीप सिंह। इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ वोट रद होने की घोषणा करने के साथ भाजपा के उम्मीदवार को विजय घोषित कर दिया।
आप-कांग्रेस गठबंधन का आरोप था कि यह वोट पीठासीन अधिकारी ने जानबूझकर रद किए हैं। आप इस फैसले के खिलाफ पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट गई, उसके बाद तत्काल राहत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की।
19 फरवरी को होगी सुनवाई
इसकी अब 19 फरवरी को सुनवाई है। सुनवाई से पहले भाजपा विपक्षी दल के नेताओं को झटका देकर सारा खेल अपने पाले में करना चाहती है। यह संभावना जताई जा रही है कि अगर सुप्रीम कोर्ट की ओर से फिर से मेयर चुनाव करवाने का फैसला भी सुनाया जाता है तो भी आसानी से चुनाव जीता जा सके।
भाजपा के जिन तीन पार्षदों के आप में शामिल होने की बात सामने आ रही है, उनसे आप के नेता निरंतर संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उनके मोबाइल बंद आ रहे हैं। इनमें एक पार्षद ऐसा है, जो मेयर चुनाव से पहले ही भाजपा छोड़कर आप में आया है। भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता और अध्यक्ष राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए दिल्ली गए हैं।
भाजपा को चुनाव हराना हो सकता है मुश्किल
सूत्रों का कहना है कि एक आप पार्षद, जिसे भाजपा में शामिल करवाना है, उसे भी अपने साथ भाजपा नेता दिल्ली ले गए हैं। इस समय आप के 13 पार्षद हैं, अगर तीन पार्षद भाजपा में आ जाते है तो भाजपा के पास मेयर चुनाव के लिए वोट की गिनती 18 हो जाएगी, जबकि शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है।
ये भी पढ़ें- आपसी मतभेद के बाद भी साथ आए किसान संगठन, यूनियनों में क्रेडिट वॉर की लालसा या कैडर टूटने का सता रहा डर?
शिअद पार्षद ने मेयर चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट फिर से मेयर चुनाव करवाने का फैसला सुना भी देता है तो कांग्रेस और आप मिलकर भाजपा को चुनाव नहीं हरा सकते।
वहीं, आप के पार्षदों के भाजपा में शामिल होने की खबर से कांग्रेस ने भी अपने सात पार्षदों की घेराबंदी मजबूत कर दी है। मालूम हो कि चंडीगढ़ नगर निगम में दलबदल का नियम लागू नहीं है, इसका फायदा ही समय-समय पर राजनीतिक दल लेते रहे हैं।
नगर निगम में अभी दलीय स्थिति
भाजपा 14
आप 13
कांग्रेस 7
शिअद 1
(भाजपा के साथ एक सांसद का वोट भी है)
आप के यह प्रभारी ने ये कहा
आप के सह प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया मेरी सभी पार्षदों के साथ फोन पर बात हुई है। मुझे उम्मीद नहीं है कि आप का कोई पार्षद भाजपा में शामिल होगा।
वहीं भाजपा के कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने कहा कि हमारे पार्षद एकजुट हैं। भाजपा ओछी राजनीति कर रही है। हमारे पार्षदों से भी भाजपा के कई नेता संपर्क कर रहे हैं, लेकिन पार्षद अपनी पार्टी के प्रति निष्ठावान हैं।
ये भी पढ़ें- 'MSP पर अध्यादेश लाए सरकार...', केंद्र के साथ बैठक से एक दिन पहले किसानों की मांग; बताई आगे की रणनीति