Punjab News: 'बीजेपी पंजाब के साथ कर रही सौतेला व्यवहार', AAP ने केंद्र पर लगाए शिक्षा फंड रोकने के आरोप
पंजाब (Punjab News) में सर्व शिक्षा अभियान फंड को रोकने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के नील गर्ग (Neel Garg) ने कहा कि पंजाब के प्रति बीजेपी सौतेला व्यवहार अख्तियार कर रही है। लेकिन सबसे शर्मनाक बात यह है कि अब वे बच्चों की शिक्षा को भी दांव पर लगा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य के सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) फंड को रोकने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार पहले से ही पंजाब के एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) और आरडीएफ (ग्रामीण विकास फंड) को रोक रखे है। अब प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के लिए जाने वाले पैसे को भी रोक दिया है।
नील गर्ग ने पंजाब के प्रति सौतेला व्यवहार का लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा पंजाब के विकास को रोकना चाहती है। पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग ने भाजपा सरकार पर पंजाब के प्रति सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और पंजाब के सभी सांसदों व भाजपा नेताओं से आग्रह किया कि वे राज्य के लंबित फंड का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाएं। इस दौरान आप नेता बब्बी बादल व जसमन गिल भी मौजूद थे।
बीजेपी लगा रही बच्चों की शिक्षा को दांव पर- नील गर्ग
नील गर्ग ने कहा कि यह बच्चों की शिक्षा व उनके भविष्य का मामला है। भाजपा का पंजाब के प्रति सौतेला व्यवहार कोई नई बात नहीं है, लेकिन सबसे शर्मनाक बात यह है कि अब वे बच्चों की शिक्षा को भी दांव पर लगा रहे हैं। गर्ग ने कहा कि भारत में संघीय ढांचा की व्यवस्था है जिसके तहत केंद्र व राज्य सरकार दोनों विकास के लिए मिलकर काम करते है, लेकिन केंद्र सरकार इसके विपरीत काम कर रही है। वे राज्यों के विकास रोकने के लिए बाधाएं खड़ी करती है और राज्य सरकार के फंड रोक देती है।सर्व शिक्षा अभियान के 380 करोड़ रुपये रोके- नील गर्ग
केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के 380 करोड़ रुपये रोक दिए हैं। यह पैसा प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की शिक्षा, उनकी किताबों और कपड़ों पर खर्च होता है। केंद्र सरकार को यह पैसा चार किस्तों में पंजाब को जारी करना था, जिसमें पहली किस्त 170 करोड़ की थी, लेकिन वे यह पैसा जारी करने से इंकार कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा हर बच्चे का संवैधानिक अधिकार है। इस योजना (एसएसए) के लिए केंद्र 60 फीसदी और राज्य बाकी 40 फीसदी का योगदान राज्य सरकार देता है, लेकिन मोदी सरकार पंजाब के बच्चों की शिक्षा के लिए अपना हिस्सा देने से इनकार कर रही है। पंजाब में एसएसए के तहत 3929 कर्मचारी हैं। इसका असर उनके वेतन पर भी पड़ेगा।
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