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Punjab News: 'बीजेपी पंजाब के साथ कर रही सौतेला व्यवहार', AAP ने केंद्र पर लगाए शिक्षा फंड रोकने के आरोप

पंजाब (Punjab News) में सर्व शिक्षा अभियान फंड को रोकने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के नील गर्ग (Neel Garg) ने कहा कि पंजाब के प्रति बीजेपी सौतेला व्यवहार अख्तियार कर रही है। लेकिन सबसे शर्मनाक बात यह है कि अब वे बच्चों की शिक्षा को भी दांव पर लगा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 25 Jun 2024 11:45 PM (IST)
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AAP ने केंद्र पर लगाए शिक्षा फंड रोकने के आरोप।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य के सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) फंड को रोकने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार पहले से ही पंजाब के एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) और आरडीएफ (ग्रामीण विकास फंड) को रोक रखे है। अब प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के लिए जाने वाले पैसे को भी रोक दिया है।

नील गर्ग ने पंजाब के प्रति सौतेला व्यवहार का लगाया आरोप

उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा पंजाब के विकास को रोकना चाहती है। पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग ने भाजपा सरकार पर पंजाब के प्रति सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और पंजाब के सभी सांसदों व भाजपा नेताओं से आग्रह किया कि वे राज्य के लंबित फंड का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाएं। इस दौरान आप नेता बब्बी बादल व जसमन गिल भी मौजूद थे।

बीजेपी लगा रही बच्चों की शिक्षा को दांव पर- नील गर्ग

नील गर्ग ने कहा कि यह बच्चों की शिक्षा व उनके भविष्य का मामला है। भाजपा का पंजाब के प्रति सौतेला व्यवहार कोई नई बात नहीं है, लेकिन सबसे शर्मनाक बात यह है कि अब वे बच्चों की शिक्षा को भी दांव पर लगा रहे हैं। गर्ग ने कहा कि भारत में संघीय ढांचा की व्यवस्था है जिसके तहत केंद्र व राज्य सरकार दोनों विकास के लिए मिलकर काम करते है, लेकिन केंद्र सरकार इसके विपरीत काम कर रही है। वे राज्यों के विकास रोकने के लिए बाधाएं खड़ी करती है और राज्य सरकार के फंड रोक देती है।

सर्व शिक्षा अभियान के 380 करोड़ रुपये रोके- नील गर्ग

केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के 380 करोड़ रुपये रोक दिए हैं। यह पैसा प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की शिक्षा, उनकी किताबों और कपड़ों पर खर्च होता है। केंद्र सरकार को यह पैसा चार किस्तों में पंजाब को जारी करना था, जिसमें पहली किस्त 170 करोड़ की थी, लेकिन वे यह पैसा जारी करने से इंकार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा हर बच्चे का संवैधानिक अधिकार है। इस योजना (एसएसए) के लिए केंद्र 60 फीसदी और राज्य बाकी 40 फीसदी का योगदान राज्य सरकार देता है, लेकिन मोदी सरकार पंजाब के बच्चों की शिक्षा के लिए अपना हिस्सा देने से इनकार कर रही है। पंजाब में एसएसए के तहत 3929 कर्मचारी हैं। इसका असर उनके वेतन पर भी पड़ेगा।

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फंड रोककर मोदी सरकार गरीबों को कर रही शिक्षा से वंचित- आप नेता

आप नेताओं ने कहा कि गरीबों के बच्चे सरकारी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में जाते हैं, इसलिए इस फंड को रोककर मोदी सरकार सीधे तौर पर गरीबों के बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है। गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम श्री नाम से एक योजना लाई है, इसलिए वह पंजाब सरकार को अपने स्कूल आफ एमिनेंस स्कूलों को बंद करके इस योजना को लागू करने के लिए मजबूर कर रही हैं। दिल्ली और पंजाब की आप सरकारों ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में असाधारण और अभूतपूर्व काम किया है। हमारा शिक्षा माडल पहले से ही बेहतर है, तो हम अब कुछ नया लागू करने के लिए इसे खत्म क्यों करें ?

गर्ग ने कहा कि पंजाब की मान सरकार ने अपने पिछले बजट में स्कूल ऑफ हैप्पीनेस और स्कूल आफ ब्रिलिएंस की योजना की शुरुआत की है। इसके अलावा मान सरकार की ओर से बनाए गए स्कूलों में पहले से ही परिवहन, वाई-फाई, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी और खेल मैदान जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।

दो अन्य प्रमुख फंड भी रोके- नील गर्ग

नील गर्ग ने कहा कि एसएसए से पहले मोदी सरकार पहले से ही पंजाब के दो अन्य प्रमुख फंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आरडीएफ (ग्रामीण विकास कोष) को रोके हुए है। केंद्र सरकार पंजाब में सरकारी मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है। वे आरडीएफ और एमडीएफ (मंडी विकास कोष) के 7000 करोड़ रुपये रोके हुए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल ग्रामीण पंजाब और मंडियों में 60,000 किलोमीटर लिंक सड़कों के रखरखाव के लिए किया जाता है।

आप नेता ने पंजाब के सभी सांसदों से इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष जोरदार तरीके से उठाने का आग्रह किया। उन्होंने भाजपा पंजाब के अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी मांग की कि वे इस मुद्दे को अपने शीर्ष नेतृत्व के समक्ष उठाएं और बताएं कि पंजाब के साथ भेदभाव बंद करें।

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