पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर राज्यपाल से मिले भाजपा नेता, कहा- डीजीपी व गृह मंत्री हों बर्खास्त
पंजाब में पीएम नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला। इस दौरान भाजपा नेताओं ने पंजाब की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सवाल उठाए। कहा कि यह गंभीर मामला है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 06 Jan 2022 12:11 PM (IST)
राज्य ब्यूरो/एएनआइ, चंडीगढ़। पंजाब में पीएम नरेन्द्र मोदी के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई चूक मामले में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलने पहुंचा। पंजाब भाजपा के प्रधान अश्विनी शर्मा, केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश, महासचिव डाक्टर सुभाष शर्मा ने राज्यपाल से पंजाब के डीजीपी और गृह मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि आज दोपहर बाद सारे वीडियोस दिखाए जाएंगे कि किस तरह भाजपा कार्यकर्ताओं को रैली स्थल पर जाने से रोका गया। उन्होंने यह भी मांग की कि यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला है, इसलिए डीजीपी और गृहमंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए। पार्टी नेताओं ने मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री को रिसीव न करने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रोटोकाल के तहत मुख्यमंत्री को जाना होता है, लेकिन वह नहीं गए। पार्टी के नेता इन सभी मामलों को लेकर राज्यपाल से मिलने के लिए आए हुए थे।
भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पहले ही इसे आपराधिक साजिश करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है। इसके लिए जो भी नेता, मंत्री व अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।Chandigarh: A delegation of Punjab BJP leaders led by state president Ashwani Sharma reaches Raj Bhavan to meet Governor Banwarilal Purohit over PM Modi's security breach during his visit to Ferozepur pic.twitter.com/chp7hbzCuT
— ANI (@ANI) January 6, 2022
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में पूरी तरह से नाकामी के लिए चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सरकार को बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार सत्ता में बने रहने के सभी नैतिक और सविधान अधिकार खो चुकी है, जो अपने प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया करवाने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह दावा करना कि कुछ लोगों द्वारा प्रधानमंत्री का रास्ता रोकना स्वभाविक था, साफ तौर पर मुद्दे को भटकाने की कोशिश है और ऐसा करके सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने की नाकाम कोशिश कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि यदि सुरक्षा में पूरी तरह से नाकामी के चलते देश के प्रधानमंत्री को अपने सभी कार्यक्रम रद करने पड़ सकते हैं, तो पंजाब में रहने वाले आम व्यक्ति की क्या दशा होगी? उन्होंने कहा कि इस सरकार को जल्द से जल्द बर्खास्त करना राज्य और यहां के लोगों के लिए भला होगा।
कैप्टन ने कहा कि यह सरकार की ओर से पंजाब में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को बिगाड़ने के लिए जानबूझकर किया गया था, क्योंकि वह 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अलग-अलग विकास प्रोजेक्टों को शुरू करने वाले थे, जिनका फायदा राज्य के लोगों को मिलता।पूर्व मुख्यमंत्री ने अफसोस जाहिर किया कि यह सरकार इतना नीचे गिर गई कि इसमें रैली में विघ्न डाल दिया व प्रधानमंत्री को उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं मुहैया करवाई और उन्हें अपने कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा। कैप्टन अमरिंदर ने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि वह विपक्षी पार्टी से संबंधित हैं, तो इसका अर्थ यह नहीं होता था कि आप उनके कार्यक्रमों को बिगाड़ दें, आखिरकार वह पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं। आज जो भी हुआ वह शर्मनाक था और सरकार व मुख्यमंत्री इसकी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते।
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