Organ Donation: रोपड़ का 53 वर्षीय राम सरन 3 लोगों को दे गया नई जिंदगी, PGI चंडीगढ़ में किया अंगदान
तीन नवंबर को जब राम सरन अपने घर से बाहर सैर पर निकले तभी दोपहिया वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी इस सड़क हादसे में राम सरन को गहरी चोटें आई। उन्हें इलाज के लिए गांव के पास सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उन्हें पीजीआइ रेफर कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब के जिला रोपड़ के श्री आनंदपुर साहिब गांव सारथली के 53 वर्षीय राम सरन ने दुनिया को अलविदा करने से पहले तीन लोगों को नया जीवन दिया है। मृतक राम सरन के अंगदान से पीजीआइ ने तीन लोगों की जिंदगी बचाई।
बता दें इस साल अब तक 33 मृतक लोगों के परिवारों ने अंगदान कराया है। तीन नवंबर को जब राम सरन अपने घर से बाहर सैर पर निकले, तभी दोपहिया वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी, इस सड़क हादसे में राम सरन को गहरी चोटें आई। उन्हें इलाज के लिए गांव के पास सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, उसके बाद उन्हें इलाज के लिए पीजीआइ रेफर कर दिया गया।
राम सरन को तीन नवंबर को बेहद गंभीर हालत में पीजीआइ इलाज के लिए लाया गया था और पीजीआइ के न्यूरो-सर्जरी विभाग में उनका इलाज चल रहा था। पीजीआइ के डाक्टरों की लाख कोशिश के बावजूद राम सरन को नहीं बचाया जा सका। पांच नवंबर को ब्रेन डेड सर्टिफिकेशन कमेटी की दो बैठकों के बाद प्रोटोकाल का पालन करते हुए उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
पीजीआइ के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने बताया राम सरन की मस्तिष्क मृत्यु की घोषणा के बाद, प्रत्यारोपण समन्वयकों ने अंगदान के विकल्प पर विचार करने के लिए परिवार से संपर्क किया। उनकी सहमति के बाद दाता को लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आपरेशन किया गया, जिसने प्रत्यारोपण पर मदद की। अंतिम चरण के अंग विफलता से पीड़ित तीन रोगियों की जान बचाई गई। अंगदाता राम सरन की बहादुर पत्नी कश्मीरो देवी ने इस अंगदान का फैसला किया।