सीए बनी प्राची गोयल .. मम्मी-पापा के वर्ल्ड टूर का सपना करूंगी पूरा
सीए का परिणाम घोषित हो गया है। ट्राईसिटी से भी करीब 20 युवाओं ने इसमे सफलता हासिल की है। इस बार का रिजल्ट 22 फीसद रहा है, जोकि पहले से बेहतर है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सीए का परिणाम घोषित हो गया है। ट्राईसिटी से भी करीब 20 युवाओं ने इसमें सफलता हासिल की है। इस बार का रिजल्ट 22 फीसद रहा है, जोकि पहले से बेहतर है। रिजल्ट मे बेटियो ने भी शानदार प्रदर्शन किया है।
कालका की बेटी प्राची गोयल ने परीक्षा मे सफल होकर परिवार और शहर का नाम रोशन कर दिया। खुराना कॉलोनी के मकान नंबर 1384 मे गोयल परिवार मे दिनभर बेटी की कामयाबी पर बधाई देने वाले आते रहे। चार्टर्ड अकाउंटेट (सीए) की परीक्षा पास करने वाली छात्रा प्राची एसडी कॉलेज से बीकॉम कर चुकी है। पहले ही प्रयास मे उन्होने यह उपलब्धि हासिल कर पिता संदीप गोयल और मां सुरभी को नए साल का तोहफा दे दिया। इतना ही नही प्राची कहती है कि अब वह अपने पेरेट्स और बहन पायल का वर्ल्ड टूर का सपना भी पूरा करेगी।
प्राची और उसका पूरा परिवार वीरवार को सेक्टर-8 स्थित दैनिक जागरण ऑफिस पहुंचा। इस दौरान प्राची ने अपने अनुभव सांझा किए। सूरजपुर के डीएवी स्कूल से 12वी मे रीजन से कॉमर्स की टॉपर रही प्राची शुरू से ही पढ़ाई मे अव्वल रही हैं। उन्होने बताया कि उनकी सफलता मे परिवार के अलावा पंचकूला स्थित मनीष जैन एसोसिएट कोचिंग सेटर का विशेष योगदान रहा है।
मल्टी नेशनल कंपनी मे नौकरी का इच्छा
प्राची मल्टी नेशनल कंपनी मे नौकरी करना चाहती है। उन्होने बताया कि 12वी के रिजल्ट के बाद ही उसने सीए की तैयारी शुरू कर दी। सीए फाइनल के दो पेपर उनके ज्यादा अच्छे नही हुए फिर भी उन्हे सफलता मिलने की पूरी उम्मीद थी। प्राची ने बताया कि वह एसडी कॉलेज मे पढ़ते हुए सेक्टर 48 स्थित अपनी नानी कुसूम अग्रवाल और मासी वंदना (एजीएम एसबीआइ) के साथ रहती थी, जिनका इनकी सफलता मे बहुत योगदान है।
मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन : संदीप गोयल
पिता संदीप बेटी के सीए बनने पर भावुक हो गए और कहा कि उनके लिए जिंदगी का सबसे खुशी भरा पल है। उन्होंने कहा कि बेटी की मेहनत को लेकर उन्हे कोई शक नही था। संदीप बताते है कि उनकी दो बेटियां है और उन्हे खुद पर नाज होता है। प्राची मां सुरभी को अपनी रोल मॉडल मानती है। उन्होने कहा कि मां ने इस सफलता के पूरे सफर मे उनका सबसे अधिक साथ दिया। पीयू के यूबीएस मे पीएचडी कर रही प्राची की बड़ी बहन पायल कहती है कि उन्हे छोटी बहन की सफलता पर गर्व है।
लक्ष्य पर फोकस करो
प्राची कहती है कि सफलता के लिए लक्ष्य पर फोकस और परिवार का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि वह प्रतिदिन 12 से 14 घंटे पढ़ाई करती थी। खाली समय मे म्यूजिक और हॉलीवुड की फिल्मे इन्हे काफी पसंद है। सीए की तैयारी करने वालो के लिए उन्होने कहा कि फोकस के साथ तैयारी करनी चाहिए। परीक्षा के नजदीक तैयारी के लिए खुद के नोट्स बहुत मदद करते है।
टीचर ने किया मोटिवेट : हरी
सीए के परिणाम मे 800 मे से 527 नंबर हासिल करने वाले हरि भनोट ने स्टेपिन स्टोन सेक्टर-45 से दसवी की परीक्षा पास की और उसके बाद बारहवी की परीक्षा एसडी स्कूल सेक्टर-32 से की। बारहवी के बाद डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 से बीकॉम पास की। इसके बाद मुम्बई मे जाकर आर्टिकलशिप करने लगा। आर्टिकलशिप के दौरान इनकम टैक्स विषय को पढ़ाने वाले टीचर सरीश व्यास थे। वह हमेशा स्टूडेट्स को मोटिवेट करते थे। उन्ही की मोटिवेशन पाकर सीए के लिए तैयारी की। इसमे जो परिणाम मुझे मिला है उसके लिए टीचर व्यास का सबसे ज्यादा अभारी हूं।
दोस्त से मिली प्रेरण : वैभव
सीए की परीक्षा पास करने वाले वैभव जीरकपुर के ममता इंकलेव के रहने वाले है। वैभव ने 800 मे से 439 अंक हासिल किए हैं। वैभव बताया कि दसवी की परीक्षा केद्रीय विद्यालय जीरकपुर से की है। उसके बाद गवर्नमेट मॉडल सीनियर सेकेडरी स्कूल मनीमाजरा से बारहवी कक्षा पास की। पंजाब यूनिवर्सिटी से बीकॉम पूरी करने के बाद सेक्टर-35 के एक इंस्टीट्यूट मे आर्टिकलशिप शुरू कर दी जिसमे खुद ही सीए के लिए तैयरी की। वैभव ने बताया कि पापा अशोक मोहाली के इसरो की लैब मे काम करते है और मम्मी आर्ट एंड क्राफ्ट के टीचर पद से सेवानिवृत हो चुकी हैं। वैभव ने बताया कि भविष्य मे एक बेहतर नौकरी और दूसरो को सीए की तैयारी कराने का सपना है।
पड़ोस के भाई से सुना सीए, तो सीए करने की ठान ली : अकांक्षा नेगी
सीए की परीक्षा मे 424 अंक हासिल करने वाली अकांक्षा ने बताया कि आठवी कक्षा मे पढ़ते हुए मेरे पड़ोस मे एक भाई थे जो कि सीए कर रहे थे। मुझे लगा कि सीए बहुत बड़ी पढ़ाई होती है। वही से प्रेरित होकर मैंने सीए करने की जिद्द कर ली। बारहवीं कक्षा स्टेपिन स्टोन सेक्टर-45 से पास की। उसके बाद बीकॉम की पढ़ाई एसडी कॉलेज सेक्टर-32 से पूरी की। अभी किसी प्राइवेट कंपनी के साथ आर्टिकलशिप कर रही हूं। अकांक्षा के पिता रमेश नेगी डब्ल्यूडब्ल्यूआइसीएस मे कार्यरत हैं जबकि मां हाउस वाइफ है।