कनाडा दिखाने लगा आंखें, आनाकानी से स्टडी वीजा देने में 66 फीसदी की गिरावट
कनाडा ने भारतीय छात्रों को दिए जाने वाले स्टडी वीजा की संख्या में भारी कमी की है। अप्रैल से जून 2025 के बीच वीजा की संख्या में 66% की गिरावट आई है। भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों और कनाडा की नई नीतियों के कारण यह कमी आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय छात्र अब अन्य देशों का रुख कर सकते हैं।
रोहित कुमार, चंडीगढ़। अमेरिका की ओर से लगाई जा रही आर्थिक पाबंदियों के बाद अब कनाडा ने भी एक बार फिर से भारतीयों से किनारा करना शुरू कर दिया है। इसका उदाहरण इसी बात से मिल सकती है कि कनाडा ने इस बार भारतीय छात्रों को स्टडी वीजा देने में भारी कमी कर दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट कनाडा की कड़ी नीतियों का नतीजा है।
कनाडाई नागरिकता और आव्रजन विभाग (आइआरससी) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जून 2025 के बीच भारतीय छात्रों को केवल 17,885 स्टडी वीजा जारी किए गए, जबकि इसी अवधि मे 2024 में यह संख्या 55,660 थी। यानी, इसमें 66 फीसदी की गिरावट आई है।
भारत व कनाडा के रिश्ते हाल के वर्षों में खासे तनावपूर्ण हो गए हैं। इसका कारण खालिस्तानी अलगाववादी गतिविधियों को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ता विवाद है। भारत लंबे समय से कनाडा पर आरोप लगाता रहा है कि वह खालिस्तानी समर्थक संगठनों को खुली छूट देता है, जो भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
सितंबर 2023 में यह विवाद उस समय और बढ़ गया जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुलेआम भारत पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्त होने का आरोप लगाया। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कनाडा पर आतंकवादियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया और व्यापार व वीजा संबंधों पर भी असर पड़ा। वर्तमान में रिश्तों में तनाव बना हुआ है और वार्ता की संभावनाएं सीमित नजर आती हैं।
आइआरसीसी के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से जून 2025 के बीच भारतीय छात्रों के लिए जारी कुल स्टडी परमिट 99,950 से घटकर 47,695 रह गए। वहीं, कुल मिलाकर कनाडा की ओर से जारी सभी स्टडी परमिट की संख्या 245,055 से घटकर 149,860 हो गई। यानी लगभग 1 लाख की कमी।
कनाडा सरकार की नई पालिसी के
2025 में स्टडी परमिट की अधिकतम सीमा 4,37,000 तय की गई है, जो 2024 के लक्ष्य 4,85,000 से कम है। यह नई सीमा 2026 पर भी लागू होगी। जनवरी 2024 से नए नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अधिक वित्तीय संसाधनों का प्रमाण देना होगा, जिससे आवेदन कठिन हो गए हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रेंड आने वाले महीनों में भी जारी रह सकता है, जिससे कनाडा में भारतीय छात्रों का दाखिला और प्रभावित हो सकता है।
स्टडी वीजा में गिरावट की वजहें
अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर पाबंदियां: कनाडा ने स्टडी परमिट जारी करने पर सख्ती की है।
हाउसिंग क्राइसिस: विदेशी छात्रों की बढ़ती संख्या को आवास की कमी का जिम्मेदार ठहराया गया।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव: स्वास्थ्य सेवाओं और ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर बोझ बढ़ने से विरोध की लहर। नई नीतियां: दिसंबर 2023 से नए नियम लागू हुए, जिनमें ट्यूशन और रहने का खर्च दिखाने की शर्तें कड़ी कर दी गई
आने वाले वर्षों में दिखेगा असर
नई नीतियों के अनुसार, 2025 में स्टडी परमिट्स की कैप घटाकर 4,37,000 कर दी गई है, जो 2024 की 4,85,000 की तुलना में कम है। यह सख्ती 2026 तक भी जारी रहने की संभावना है। इस गिरावट से कनाडा में भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसरों पर बड़ा असर पड़ेगा। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही हाल जारी रहा, तो भारतीय छात्र अमेरिका, आस्ट्रेलिया और यूरोप की ओर रुख कर सकते हैं।
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