अमरिंदर ने सिद्धू के लिए कैबिनेट के दरवाजे बंद किए, कहा- अच्छे वक्ता, लेकिन सक्रियता दिखाएं
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य कैबिनेट में नवजोत सिंह सिंद्धू को एक बार फिर शामिल किए जाने की चर्चाओं को खारिज कर दिया है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 30 Jun 2020 08:34 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के लिए राज्य कैबिनेट के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने सिद्धू काे एक बार फिर पंजाब कैबिनेट में शामिल किए जाने को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सिद्धू अच्छे वक्ता हैं, लेकिन उनको पार्टी में अपनी सक्रियता व सहभागिता दिखानी हाेगी।
कहा- सिद्धू कांग्रेस में ही हैं, पार्टी में पावर तो सोनिया गांधी ही दे सकती हैंयहां पत्रकारों से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब कैबिनेट में बदलाव की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से ये चर्चाएं चल रही थीं कि सिद्धू की एक बार फिर अमरिंदर सिंह कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है और उनको उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की कैबिनेट में वापसी के सवाल पर कैप्टन ने कहा, 'सिद्धू अच्छे वक्ता हैं। वह कांग्रेस पार्टी में ही हैं। उन्हें पार्टी में अपनी सहभागिता दिखानी चाहिए। जहां तक पार्टी में पावर देने की बात है। वह तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ही दे सकती हैं।'
पहली बार सिद्धू के एक्साइज पॉलिसी के सुझाव को खारिज किया
उन्होंने पहली बार सिद्धू के एक्साइज पॉलिसी के सुझाव को खारिज किया। सिद्धू जब कैबिनेट मंत्री थे तो उन्होंने तमिलनाडु मॉडल अपनाने का सुझाव दिया था। कैप्टन ने कहा कि दोनों राज्यों की स्थितियों में बहुत अंतर है। पंजाब में 50 फीसद से ज्यादा देसी शराब की बिक्री होती है। मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाओं को खारिज करते हुए कैप्टन ने कहा, 'मुझे तो मीडिया से ही पता चलता है कि हमारे मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल होने वाला है। हमारे मंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। हमें किसी प्रकार की फेरबदल करने की जरूरत नहीं है।
मुझे सरकार चलाना आता है, दूलो-बाजवा की सलाह की जरूरत नहीं: कैप्टनकैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके सरकार चलाने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाने वालों को भी दो टूक जवाव दिया। उन्होंने कहा कि मुझे सरकार चलाना है और किसी की सलाह की जरूरत नहीं। दरअसल, लंबे समय से विरोधी दल व कांग्रेस के ही कुछ नेता लगातार कैप्टन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे थे। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप ङ्क्षसह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो की सलाह को उन्होंने खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री ने साफ कहा, 'मुझे बाजवा और दूलो के सलाह की जरूरत नहीं है। उनके पत्र तो मैंने आज तक देखे भी नहीं। मुझे पता है स्टेट को कैसे चलाना है।'
बता दें कि बाजवा कई दिनों से कैप्टन को अलग-अलग मुद्दों पर पत्र लिख रहे हैं। वहीं, दूलो ने लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब की बिक्री के मुद्दे पर कैप्टन को पत्र लिख सीबीआइ जांच की मांग की थी। दूलो और बाजवा का कैप्टन के साथ लंबे समय से छत्तीस का आंकड़ा है। दोनों पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
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