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Captain Amrinder Singh : कांग्रेस में अब 'गुस्‍से व अपमान' पर जंग, कैप्‍टन ने पूछा - राजनीति में क्या जलालत की है जगह

Captain Amrinder Singh Vs Congress कांग्रेस में अब गुस्‍से और अपमान पर जंग छिड़ गई है। कांग्रेस ने कैप्‍टन को गुस्से से बचने की नसीहत दी तो अमरिंदर ने पार्टी से बड़ा सवाल पूछा है। उन्‍होंने पूछा- यदि राजनीति में गुस्‍से की जगह नहीं ह‍ै तो क्‍या जलालत की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 24 Sep 2021 01:42 PM (IST)
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पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी। (फाइल फोटो)
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Captain Amrinder Singh VS Congress: पंजाब कांग्रेस की कलह शांत करते-करते पार्टी का राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व खुद विवाद में फंस गया है। कांग्रेस में अब 'गुस्‍सा और अपमान' पर जंग छिड़ गई है। पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता की राजनीति और गुस्‍से पर दी गई नसीहत पर कांग्रेस आलाकमान पर ही पलटवार कर दिया है। कैप्‍टन ने कांग्रेस नेतृत्‍व से सवाल किया है- राजनीति में गुस्‍से के लिए जगह नहीं है तो क्‍या जलालत के लिए है।

कैप्‍टन अमरिंदर से पहले कांग्रेस के कई अन्‍य नेता भी लगा चुके हैे अपमान व उपेक्षा का आरोप

बता दें कि इससे पहले मध्‍य प्रदेश के दिग्‍गज नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने भी कांग्रेस नेतृत्‍व पर अपमानित करने का आरोप लगाया था। बाद में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और केंद्र सरकार में मंत्री हैं। कांग्रेस के कई अन्‍य वरिष्‍ठ नेताओं की ऐसी ही पीड़ा सामने आती रही है। एक समय हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इसी तरह की बात करते हुए कांग्रेस नेतृत्‍व के खिलाफ बागी तेवर में दिखा चुके हैं और उन्‍होंने अलग पार्टी बनाने की धमकी भी दे दी थी।

दरअसल, पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह को शांत करने के लिए हाईकमान ने राज्य में न केवल पार्टी बल्कि सरकार का चेहरा भी बदल दिया है। इसके बावजूद कांग्रेस की मुसीबत कम नहीं हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लगातार यह संकेत दे रहे हैं कि वह कुछ बड़ा कदम उठा सकते हैं, जिससे पार्टी नेताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के आक्रामक रवैये ने कांग्रेस की नींद उड़ा रखी है। वीरवार को तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीधे कांग्रेस हाईकमान पर हमला कर दिया।

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीनेत के बयान पर कैप्टन का पलटवार, साेनिया गांधी के रुख पर उठाया सवाल

दरअसल, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह काे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को अनुभवहीन बताने के उनके बयान पर नसीहत दी। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कैप्‍टन गुस्‍से में ऐसा बोल गए। श्रीनेत ने कहा, 'राजनीति में गुस्सा, द्वेष, व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी और उससे बदला लेने की कोई जगह नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कैप्टन अपनी कही हुई बातों पर समझदारी दिखाते हुए जरूर पुनर्विचार करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी छोड़कर जाना चाहता है, उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगी।'

कैप्टन के आक्रामक रुख ने बढ़ा दी है कांग्रेस हाईकमान की बेचैनी

सुप्रिया श्रीनेत के इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने मीडिया सलाहकार रहे रवीन ठुकराल के माध्‍यम से बयान जारी कर पलटवार करने में देरी नहीं की। ठुकराल ने ट्वीट कर कैप्टन की तरफ से उन्हें जवाब दिया। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से सवाल किया ' यदि राजनीति में गुस्से की जगह नहीं, तो क्या जलालत की जगह है? अगर मेरे जैसे वरिष्ठ नेता के साथ ऐसा हो सकता है, तो कार्यकर्ताओं के साथ क्या होगा?' गौरतलब है कि एक दिन पहले ही कैप्टन ने चुनौती दी थी कि वह नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। साथ ही कैप्टन ने कहा था कि अगर सिद्धू 'सुपर सीएम' की तरफ काम करेंगे तो पार्टी काम नहीं कर पाएगी।

कैबिनेट में शामिल करने के प्रयास पर जाखड़ का इन्कार

उधर, मुख्‍यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे सुनील जाखड़ का गुस्‍सा भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल सुनील जाखड़ गांधी परिवार की करीबी अंबिका सोनी के एक बयान के कारण सीएम पद की दौड़ से बाहर हो गया, अन्‍यथा उनको हाईकमान से पंजाब का अगला सीएम बनाना लगभग तय कर लिया गया था। अंबिका सोनी ने कहा था कि पंजाब में पगड़ीधारी को ही सिख होना चाहिए और माना जा रहा है कि इसके बाद कांग्रेस आलाकमान का रुख बदल गया और जाखड़ मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हो गए।

अब सुनील जाखड़ की नाराजगी भी हाईकमान पर भारी पड़ती दिखाई दे रहे है। उनकी नाराजगी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी अखर रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इसी कारण बुधवार को राहुल और प्रियंका ने जाखड़ को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर बुलाया और उनके साथ ही दिल्ली ले गए। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी चाहते हैं कि जाखड़ पंजाब कैबिनेट में आ जाएं लेकिन जाखड़ ने इससे साफ मना कर दिया। इससे पहले जाखड़ कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के प्रस्ताव को भी ठुकरा चुके है।

माना जा रहा है कि जाखड़ की नाराजगी के कारण भी कैबिनेट का गठन नहीं हो पाया है। पार्टी हाईकमान चाहता है कि जाखड़ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट में शामिल हो जाएं। पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी पंजाब कैबिनेट के गठन से पहलेजाखड़ को लेकर कोई अहम फैसला ले सकते हैं।

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