चंडीगढ़ में शराब फैक्ट्री में 15 बच्चों से करवाया जा रहा था काम, ठेकेदार सहित चार के खिलाफ केस
चंडीगढ़ को चाइल्ड लेबर फ्री सिटी बनाने के लिए कई दावे किए जाते हैं। लेकिन हकिकत कुछ और ही है। हाल ही में एक मामला सामने आया है जहां पुलिस ने शराब की फैक्ट्री में 15 बच्चों को काम करते हुए रेस्क्यू किया है।
By Edited By: Updated: Tue, 03 Aug 2021 12:26 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 के प्लाट नंबर 214 में शराब फैक्ट्री से 15 बच्चों को बाल श्रम करते रेस्क्यू करने के मामले में पुलिस ने सोमवार को ठेकेदार, एक महिला सहित चार कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है। आरोपितों की पहचान ठेकेदार संजय, कर्मचारी संदीप, मनोज यादव सहित अन्य के तौर पर हुई है।
इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस को शिकायत चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर मोहम्मद इरशाद ने की है। 29 जून 2021 को रेस्क्यू अभियान उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़ के निर्देश से बाल विकास विभाग की यूनिट डीसीपीयू, 181, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन, बचपन बचाओ आंदोलन और एसडीएम साउथ और पुलिस के संयुक्त सहयोग से छापामारी किया था। फैक्ट्री के अंदर बच्चे शराब की बोतलों की पैकिंग कर रहे थे। रेस्क्यू किए गए बच्चों में आठ लड़के सहित कुल 15 बच्चे थे। बाद में सभी बच्चों का मेडिकल करने के बाद उन्हें वर्किंग वूमेन हॉस्टल सेक्टर-24 और आशा किरण सेंटर सेक्टर-46 में 10 दिन क्वारंटाइन के लिए शिफ्ट कर दिया गया था।
शराब पैकिंग का काम कर रहे बच्चों की उम्र 13 से 17 साल के बीच है। बच्चे शराब पैक करने के साथ बोतलों की सफाई तक का काम कर रहे थे। यदि कोई बोतल लीक करते हैं तो उसे छांटना और उसे ठीक करके सप्लाई के लिए तैयार करना बच्चों का काम था।
बच्चों को 150 से दो सौ रुपये तक मिल रही थी दिहाड़ी फैक्ट्री में काम कर रहे बच्चों से ठेकेदार 150 से दो सौ रुपये दिहाड़ी में काम ले रहा था। बच्चे दिन में आठ घंटे काम करते थे और उन्हें किसी प्रकार की छुट्टी नहीं थी। काउंललिंग के दौरान मिला था सुराग शराब की फैक्टरी से रेस्क्यू किए गए बच्चों की जानकारी बाल विकास विभाग को काउंसलिंग के दौरान मिली थी। कुछ दिन पहले बच्चा किसी अपराध के बाद पकड़ा गया था जहां पर काउंसलिंग के दौरान इस प्रकार की शराब फैक्ट्री में काम की जानकारी दी थी। बच्चा भी इस फैक्ट्री में काम कर चुका था।
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