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Punjab Technical University के वीसी के पद पर डॉ. सुशील मित्तल की नियुक्ति को चुनौती, हाईकोर्ट का नोटिस

पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर के वीसी के तौर पर डा. सुशील मित्तल की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने बताया कि पीटीयू के वीसी पद पर नियुक्ति करने के लिए जो चयन समिति बनाई गई थी वह यूजीसी के नियमों के खिलाफ थी।

By Kailash Nath Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 29 Nov 2023 10:56 PM (IST)
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Punjab Technical University के वीसी के पद पर डॉ. सुशील मित्तल की नियुक्ति को चुनौती

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर के वीसी के तौर पर डा. सुशील मित्तल की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही इसे मंजूरी दी जा रही

याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने बताया कि पीटीयू के वीसी पद पर नियुक्ति करने के लिए जो चयन समिति बनाई गई थी वह यूजीसी के नियमों के खिलाफ थी। यूजीसी के अनुसार इस समिति का हिस्सा केवल उच्च शिक्षा के क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोग ही हो सकते हैं। चांसलर ने इस नियुक्ति को मंजूरी देते हुए अपने आदेश में लिखा है कि दो साल से यह पद खाली है और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही इसे मंजूरी दी जा रही है। 

इसके साथ ही विभाग को भविष्य में सचेत रहने की हिदायत भी दी है। इसके साथ ही याची ने बताया कि डा. सुशील मित्तल केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर हैं और ऐसे में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित नहीं है। ऐसे में उनकी नियुक्ति को रद्द करते हुए उन्हें पद से हटाना चाहिए।

याची ने बताया कि चयन समिति ने इस पद के लिए आवेदन करने वाले किसी अन्य व्यक्ति का इंटरव्यू तक नहीं लिया और न ही चयन के बाद यह बताया गया कि किस प्रक्रिया के तहत इसे अंजाम दिया गया है। नियुक्ति की सिफारिश करते हुए भी इससे संतुष्ट होने का कोई आधार नहीं बताया गया है। ऐसे में यह नियुक्ति यूजीसी के नियमों के खिलाफ है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में पंजाब सरकार व यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई पर पक्ष रखने का आदेश दिया है।