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चंडीगढ़ ने पंजाब की 2298 एकड़ जमीन हड़पी, बीजेपी नेता का दावा; कहा- इसे तुरंत वापस ले मान सरकार

चंडीगढ़ ने पंजाब की 2298 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है जिस पर पंजाब सरकार का अब कोई अधिकार नहीं है। पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी ने इस मामले को उठाते हुए पंजाब सरकार से तुरंत इस जमीन को वापस लेने की मांग की है। जोशी ने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारी भी इसे जायज ठहरा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 26 Nov 2024 02:04 PM (IST)
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बीजेपी नेता का दावा- चंडीगढ़ ने पंजाब की 2298 एकड़ जमीन हड़पी (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने पंजाब राज्य की 2298 एकड़ जमीन अवैध रूप से हड़प ली है और अब इस पर पंजाब सरकार का शासन नहीं चलता है, पंजाब सरकार इसे तुरंत वापस ले, यह मांग है पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी की जिन्होंने आज चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही।

बीजेपी नेता ने कहा. मुझे इस चौंकाने वाले तथ्य के बारे में तब पता चला जब मैंने सुखना वन्य जीव अभ्यारण्य के लिए पंजाब सरकार द्वारा प्रस्तावित 3 किलोमीटर के बजाय 100 मीटर के इको सेंसिटिव जोन के लिए आंदोलन शुरू किया।

2298 एकड़ जमीन पर किया कब्जा

विस्तृत जानकारी देते हुए जोशी ने कहा कि चंडीगढ़ प्रदेश ने पंजाब के जिला मोहाली के अंतर्गत कांसल गांव की 2298 एकड़ जमीन को गैर-कानूनी तरीके से फॉरेस्ट घोषित करने के उपरांत साथ ही साथ उसे गैर-कानूनी तरीके से सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी घोषित कर पंजाब की 2298 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है।

पंजाब सरकार के अफसरों की नालायकी देखो पंजाब की जमीन पर अपना हक वापस लेने की बजाय वे इस हड़पी जमीन के लिए सुखना ई.ऍस.ज़ेड. की घोषणा कर चंडीगढ़ के नाजायज कब्जे को मान्यता दे जायज ठहरा रहे हैं ।

नई विधानसभा निर्माण के लिए हो रहा विरोध

चंडीगढ़ द्वारा पंजाब की जमीन के कब्जे के उपरांत अब कांसल गांव पंजाब से कट कर एक टापू बन गया जो की चारों तरफ से चंडीगढ़ से घिरा हुआ है।

एक तरफ तो पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार चंडीगढ़ द्वारा 10 एकड़ जमीन हरियाणा को नई विधानसभा निर्माण हेतु दिए जाने का विरोध कर रही है और दूसरी तरफ सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के इको सेंसिटिव जोन (ईएसजड) की घोषणा कर उस अपना अधिकार छोड़ रही है।

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इस एक फैसले से नयागांव, कांसल, करोरां और नाडा में लाखों निम्न-मध्यम वर्ग और गरीब लोगों के घर तोड़े जाएंगे, जिन्होंने अपनी जीवन भर की बचत से छोटे छोटे घर बनाए हैं।

पंजाब रिऑर्गेनाईजेशन एक्ट 1966, इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927, वाइल्ड लाइफ एक्ट 1972, डिलिमिटेशन एक्ट 1962 व लैंड एक्वीजीशन एक्ट 1894 सॉइल कॉन्सर्वैशन की धाराओं का उल्लंघन करते हुए चंडीगढ़ ने पंजाब की 2298 एकड़ जमीन अवैध रूप से हड़प ली है।

साधारण भाषा में समझे कि वाइल्ड लाइफ एक्ट 1972 के अनुसार वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी सिर्फ इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 के अनुसार घोषित फॉरेस्ट में ही की जा सकती है।

पंजाब सरकार के पास है अधिकार

इसी फॉरेस्ट एक्ट 1927 के अनुसार फॉरेस्ट उसी जमीन पर घोषित हो सकता है जिसकी मिलकिय्यत सरकार के पास हो तो इस हिसाब से चंडीगढ़ पंजाब की 2298 एकड़ जमीन को फॉरेस्ट घोषित नहीं कर सकता क्योंकि उसकी मिलकिय्यत पंजाब के पास है।

सबसे महत्वपूर्ण जमीन जिस कार्य हेतु एक्वायर की जाती है उसी के लिए प्रयोग की जानी होती है तो यह जमीन तो सॉइल कॉन्सर्वैशन के लिए अधिग्रहित की गई थी तो इस पर फॉरेस्ट की घोषणा करना भी गैर-कानूनी है।

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