Chandigarh: दवा नहीं दारू जरूरी, सस्ती दरों पर इलाज मुहैया कराने पर कार्रवाई, अवैध शराब ठेकों पर कोई रोक नहीं
चैरिटेबल ट्रस्ट जरूरतमंद मरीजों को सस्ती दरों पर इलाज मुहैया करा रहा है तो प्रशासन वहां बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने पहुंच गया। वहीं शहर में कई जगह पर अवैध निर्माण कर शराब ठेके और अवैध फार्म हाउस बनाए हुए हैं वहां प्रशासन कार्रवाई करने में नाकाम रहा है।(जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: एसडीएम संयम गर्ग के आदेश पर एस्टेट आफिस की टीम शुक्रवार को सेक्टर-24 में भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से संचालित क्लीनिक और लैब को बिल्डिंग वायलेशन पर सील करने पहुंची। एक चैरिटेबल ट्रस्ट जरूरतमंद मरीजों को सस्ती दरों पर इलाज मुहैया करा रहा है, तो प्रशासन का संपदा विभाग वहां बिना नोटिस दिए ही कार्रवाई करने पहुंच गया।
वहीं, शहर में कई जगह पर अवैध निर्माण कर शराब ठेके, एग्रीकल्चर लैंड पर अवैध नर्सरी और अफसरों, नेताओं और नामचीन लोगों ने पक्के निर्माण के साथ अवैध फार्म हाउस बनाए हुए हैं, वहां प्रशासन कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। इन दोहरी नीतियों के कारण आज भी आम जनता संपदा विभाग की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है।
परिसर को सील करने के आदेश
गौरतलब है कि यह लैब साल 1992 से संचालित है और ट्रस्ट से कई राजनीतिक व अन्य लोग सालों से जुड़े हैं। इस चैरिटेबल ट्रस्ट लैब में एमआरआइ, सीटी-स्कैन, ईसीजी और ब्लड टेस्ट समेत कई अन्य टेस्ट सरकारी लैब से भी कम कीमत पर किए जाते हैं। एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार विनय चौधरी जब परिसर को सील करने पहुंचे, वहां भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक अजय दत्ता स्टाफ के साथ प्रदर्शन करने लगे।
यह सूचना ट्रस्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी दी। ऐसे में संपदा विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ मेयर अनूप गुप्ता, भाजपा के वरिष्ठ नेता रामबीर भट्टी और कई पार्षद भी पहुंचे। एसडीएम ने जरूरतमंदों के लिए चल रहे क्लीनिक और लैब की इमारत में की गई बिल्डिंग वायलेशन पर कार्रवाई के चलते परिसर को सील करने के आदेश किए थे।
600 से अधिक डुप्लेक्स पर कार्रवाई की तैयारी
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करते हुए मकानों की वायलेशन रद कर रहा है। अब अवैध निर्माण के खिलाफ भी ऐसी ही सख्ती करने की तैयारी कर ली गई है। सेक्टर-41 के 600 से अधिक डुप्लेक्स मकानों पर गाज गिरने वाली है।
इन मकानों को नई नीड बेस्ड चेंज के हिसाब से मकानों में बदलाव रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जो भी अवैध निर्माण है, उसे 28 फरवरी तक हटाना होगा। ऐसा नहीं किया तो पहली मार्च को इन मकानों पर कार्रवाई होगी।
निर्माण तोड़ने का नोटिस
बोर्ड ने इसे अंतिम नोटिस समझने के लिए कहा गया है। इसके बाद बिना नोटिस ही कार्रवाई होगी। फिर बोर्ड की टीम खुद मौके पर पहुंचकर अवैध निर्माण हटाएगी। इसका खर्च भी बाद में अलाटी से ही वसूल किया जाएगा। इन मकानों पर पहले ही कार्रवाई करने की तैयारी बोर्ड ने कर ली थी, लेकिन बोर्ड ने कमेटी की सिफारिश के बाद कुछ नीड बेस्ड चेंज को मंजूरी दी है।
इसके बाद बोर्ड ने वर्ष 2019 और अब की नीड बेस्ड चेंज को सम्मिलित कर नए आदेश जारी करते हुए नीड बेस्ड चेंज को स्पष्ट किया। अब इन्हीं नीड बेस्ड चेंज को देखते हुए अलाटियों को बाकी निर्माण तोड़ने का नोटिस दिया गया है। सीएचबी के सेक्रेटरी ने चीफ एडमिनिस्ट्रेटर की शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश दिए हैं।