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28 सितंबर को शहीद भगत सिंह के नाम पर हो जाएगा चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम, पढ़ें कैसे सुलझा तीन राज्यों का विवादित मामला

पीएम नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की है। एयरपोर्ट के नाम व शहर को लेकर लंबे समय तक पंजाब हरियाणा व चंडीगढ़ के बीच विवाद रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sun, 25 Sep 2022 12:13 PM (IST)
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पीएम नरेन्द्र मोदी व चंडीगढ़ एयरपोर्ट की फाइल फोटो।
आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट को लेकर बड़ा एलान किया है। पीएम ने कहा कि  28 सितंबर को अमृत महोत्सव का विशेष दिन आ रहा है। इसी दिन हम शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती भी मनाएंगे। पीएम ने कहा कि उनकी जयंती पर चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा। इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा थी। पीएम ने यह बात अपने 'मन की बात' में कही।

बता दें, चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नाम को लेकर लंबे समय तक पंजाब व हरियाणा के बीच विवाद चला। कई दौर की बैठकों के बाद एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट रखने पर सहमति बनी। अगस्त में पंजाब के सीएम भगवंत मान व हरियाणा के डिप्टी सीएम के बीच हुई बैठक में एयरपोर्ट का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने पर सहमति बनी।

चंडीगढ़ एयरपोर्ट में तीनों राज्यों पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ का हिस्सा है, इसलिए इसके नाम व इसके पीछे किस शहर का नाम जोड़ा जाए इसको लेकर विवाद रहा है। गत माह भगवंत मान व दुष्यंत चौटाला के बीच बैठक में एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर करने पर सहमति बन गई थी, लेकिन शहर के नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई। 

बाद में, यह सहमति बनी कि एयरपोर्ट के नाम के पीछे मोहाली, चंडीगढ़ और पंचकूला तीनों शहरों का नाम जुड़ेगा। छोटे स्वरूप में इसे एमसीपी लिखा जाएगा। एम का अर्थ मोहाली, सी का अर्थ चंडीगढ़ व पी मतलब पंचकूला। अब एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट एमसीपी होगा।

एयरपोर्ट में किसकी कितनी हिस्सेदारी

चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट में अथारिटी आफ इंडिया की 51 फीसद हिस्सेदारी है। पंजाब व हरियाणा की इसमें 24.5-24.5 फीसद हिस्सेदारी है। पंजाब सरकार का तर्क था कि एयरपोर्ट का टर्मिनल भवन मोहाली की राजस्व भूमि पर है, इसलिए एयरपोर्ट का नाम मोहाली एयरपोर्ट पर होना चाहिए। वहीं, चंडीगढ़ की दलील थी कि इस एयरपोर्ट पर 75 फीसद से ज्यादा जमीन चंडीगढ़ की है, इसलिए एयरपोर्ट का नाम चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर होना चाहिए।

चंडीगढ़ एयरपोर्ट मामले में कब क्या हुआ

  • चंडीगढ़ एयरपोर्ट को लेकर 2008 से विवाद चल रहा है। 25 मार्च 2008 को पंजाब विधानसभा में अंतरराष्ट्रीय सिविल एयर टर्मिनल, चंडीगढ़ का नाम शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मोहाली करने का गैर अधिकारिक प्रस्ताव पास हुआ था।
  • हरियाणा विधानसभा ने भी 28 जून 2010 व 16 सितंबर 2010 को अंतरराष्ट्रीय सिविल एयर टर्मिनल चंडीगढ़ का नाम भगत सिंह के नाम पर करने का प्रस्ताव दिया। लेकिन, विवाद यह था कि पंजाब सरकार एयरपोर्ट के पीछे मोहाली जोड़ना चाहती थी, जबकि हरियाणा सरकार इसे चंडीगढ़ ही रहने देना चाहती थी।
  • 18 मार्च 2016 को नगर विमानन राज्यमंत्री ने पंजाब व हरियाणा सरकार को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नए सिविल एयर टर्मिनल का नाम भगत सिंह एयरपोर्ट चंडीगढ़ के नाम पर रखा जाए। इसके लिए तीनों राज्यों पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ की सहमति जरूरी है। दोनों राज्य की विधानसभाएं एक नया संकल्प पारित करें।
  • हरियाणा विधानसभा ने 8 अप्रैल 2016 को विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया। सरकार ने केंद्रीय नगर विमानन मंत्रालय को लिखा कि नए सिविल एयर टर्मिनल का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, चंडीगढ़ के नाम पर रख दिया जाए। लेकिन, पंजाब ने ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया। 
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