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चंडीगढ़ में बनेगा ऑटोमेटेड वाहन फिटनेस इंस्पेक्शन सेंटर... सड़कों से हटेंगे पुराने और जुगाड़ वाहन

चंडीगढ़ में बन रहे ऑटोमेटेड वाहन फिटनेस इंस्पेक्शन सेंटर में वाहन की बॉडी से लेकर सेफ्टी मेजर्स को ऑटोमेटिक ही परखा जाएगा। यह सेंटर जल्द शुरू हो जाएगा। अभी तक वाहनों की फिटनेस मैनुअली मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर परखते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 12:38 PM (IST)
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ऑटोमेटेड वाहन फिटनेस इंस्पेक्शन सेंटर चंडीगढ़ में बन रहा है। सांकेतिक चित्र।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। ऑटोमेटेड वाहन फिटनेस इंस्पेक्शन सेंटर केंद्र सरकार की मदद से चंडीगढ़ में बन रहा है। इस सेंटर पर वाहनों को तकनीकि पहलुओं पर परखते हुए फिटनेस टेस्ट होगा। वाहन की बॉडी से लेकर सेफ्टी मेजर्स को ऑटोमेटिक ही परखा जाएगा। यह सेंटर जल्द शुरू हो जाएगा। अभी तक वाहनों की फिटनेस मैनुअली मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर परखते हैं। इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं। यही वजह है कि ऐसे वाहन भी सड़क पर होते हैं जो चलने लायक स्थिति में नहीं होते।

रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद भी वाहन नहीं होते स्क्रैप

चंडीगढ़ में ऐसी पुरानी कारों की संख्या कम नहीं है। कारों का शहर कहे जाने वाले चंडीगढ़ में नई कार जितनी तेजी से बढ़ रही हैं, पुरानी भी कम नहीं हो रही। दो लाख से अधिक वाहन ऐसे हैं, जिन्हें रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी से एनओसी लेकर हटवाया तक नहीं गया। यह वाहन दशकों से गिनती में शामिल हैं। इसके लिए आरएलए और एसटीए अब रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। सेक्टरों की पार्किंग, ओपन एरिया, इंडस्ट्रियल एरिया में ऐसे हजारों वाहन डंप पड़े हैं।

सक्रैपिंग पॉलिसी चंडीगढ़ में होगी लागू

भारत सरकार की व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का चंडीगढ़ पर बड़ा व्यापक असर पड़ेगा। इससे शहर में दौड़ रहे पुराने वाहन सड़कों से हट जाएंगे। दिल्ली में 10 साल पुराने वाहनों का आगे रजिस्ट्रेशन एक्सटेंड नहीं होता। उसके बाद ऐसे वाहन चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड हो रहे रहे हैं। इसी तरह से कई दूसरे राज्यों के वाहन भी रजिस्टर्ड हो रहे हैं। अब चंडीगढ़ भी केंद्र सरकार की पॉलिसी को अपनाया जाएगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इस पर काम शुरू कर दिया है। उसके बाद पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत लाया जाएगा। साथ ही नए वाहनों को खरीदने पर डिस्काउंट भी मिलेगा।

स्क्रैप सेंटर बनेगा

केंद्र सरकार ने स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत देशभर में 500 स्क्रैप सेंटर बनाने की घोषणा की है। इनमें से एक सेंटर चंडीगढ़ में बनाया जा सकता है। पहले से ही इसकी चर्चा शुरू हो गई है। यूटी प्रशासन भी उसी हिसाब से तैयारी करने लगा है। इस स्क्रैप सेंटर पर वाहन को स्क्रैप के लिए देने के बाद सर्टिफिकेट मिलेगा। इस स्क्रैप सर्टिफिकेट के बल पर नई गाड़ी खरीदते वक्त डिस्काउंट मिलेगा। साथ ही नए वाहन रजिस्ट्रेशन के समय रोड टैक्स में भी कुछ छूट मिलेगी।

स्क्रैप पॉलिसी में यह सब

स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत प्राइवेट व्हीकल्स को 20 साल के बाद और कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा। पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड सेंटर्स में किया जाएगा। इन सेंटर्स पर वाहनों का फिटनेस टेस्ट होगा, जहां उन्हें सर्टिफिकेट मिलेगा।

स्क्रैपिंग पॉलिसी में यह सब

- गाड़ी का रजिस्ट्रेशन खत्म होने पर उसे अनिवार्य रूप से फिटनेस सेंटर लेकर जाना होगा

- प्राइवेट इस्तेमाल वाली गाडियों के लिए यह सीमा 20 साल और कमर्शियल गाड़ियों के लिए 15 साल है

- अगर गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल हुई तो उसे ईएलवी यानी एंड ऑफ लाइफ यानी गाड़ी की लाइफ खत्म माना जाएगा

- गाड़ी के रीरजिस्ट्रेशन को रीन्यू कराने की बजाए स्क्रैपिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा

- पुराने वाहन सड़क से हटेंगे तो पॉल्यूशन घटेगा

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