Chandigarh News: आज-कल में मिल जाएगा बाबा फरीद यूनिवर्सिटी को नया वाइस चांसलर, राज्यपाल लगाएंगे मुहर
Chandigarh News चंडीगढ़ में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी को आज या कल में नया वाइस चांसलर मिल जाएगा। जाब सरकार ने वीसी लगाने के लिए पांच नामों वाला पैनल राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेज दिया हैं। जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने साक्षात्कार की प्रक्रिया भी पूरी कर ली हैं।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़: बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साइंस को 10 माह के बाद नया वाइस चांसलर (वीसी) आज कल में मिल जाएगा। पंजाब सरकार ने वीसी लगाने के लिए पांच नामों वाला पैनल राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेज दिया हैं। जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने साक्षात्कार की प्रक्रिया भी पूरी कर ली हैं। माना जा रहा हैं कि आज-कल में राज्यपाल अपनी स्वीकृति देकर फाइल पंजाब सरकार को भेज देंगे।
जानकारी के अनुसार इस नामों में पीजीआई के डीन प्रोफेसर राकेश सहगल, पीजीआई परमाणु मेडिसन विभाग के प्रो. बलजिंदर सिंह, राजिंदरा मेडिकल कालेज पटियाला के पूर्व प्रोफेसर केके अग्रवाल, चंडीगढ़ जीएमसीएच-३२ के माइक्रोबायोलाजी विभाग के पूर्व एचओडी प्रो. जगदीश चंद्र और दिल्ली के प्रो. राजीव सूद शामिल हैं।
मंत्री की ओर से अपमानजनक व्यवहार करने पर पूर्व वीसी ने छोड़ दिया था पद
29 जुलाई 2022 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ेमाजरा ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी डा. राज बहादुर के साथ अपमानजनक व्यवहार किया था। जिसके कारण वीसी ने 30 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जौड़ेमाजरा यूनिवर्सिटी के दौरे पर थे और उन्होंने कैदियों के बने वार्ड जोकि लंबे समय से बंद पड़ा था का निरक्षण करते समय वीसी को फटे हुए गद्दे पर लेटने के लिए मजबूर कर दिया।
यह वीडियो वारयल हुआ। जिसकी देश ही नहीं विदेश में भी खासी निंदा हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी मंत्री के इस व्यवहार को सही नहीं माना। उन्होंने लंबे समय तक डा. राज बहादुर का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और उन्हें पुनः सेवाएं देने के लिए कहा लेकिन डा. राज बहादुर ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया।
नए वीसी की प्रक्रिया विवादों में फंस गई थी
पंजाब सरकार ने नए वीसी के लिए डा. गुरप्रीत सिंह वांडर का राज्यपाल के पास भेजा था। जिसे राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी। जिसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्पाल बनवारी लाल पुरोहित पर राजनीतिक हमला भी किया।
जिस पर राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि सरकार ने एक ही नाम भेजा था। नियम के अनुसार कम से कम तीन नाम का पैनल भेजा जाना चाहिए था। जिस कारण अक्टूबर माह में राज्यपाल ने सरकार द्वारा भेजे गए नाम के रद्द कर दिया। अब सरकार ने पांच नामों का पैनल राज्यपाल को भेजा हैं।