चंडीगढ़ की नाइट लाइफ के लिए तैयार नहीं व्यापारी, 24 घंटे दुकानें खोलने को लेकर नहीं दिख रहा उत्साह; ये है बड़ी वजह
चंडीगढ़ में नाइट लाइफ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यूटी प्रशासन ने व्यापारियों को 24 घंटे दुकानें खोलने की सुविधा दी है। हालांकि यहां के व्यापारी इसको लेकर उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं। शहर में 24 घंटे दुकानें खोलने के लिए अब तक केवल 35 व्यापारियों ने आवेदन किया है। ऐसे में अब व्यापारियों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
व्यापारियों को जागरूक करने के लिए लगाए जा रहे शिविर
श्रम विभाग की ओर से व्यापारियों को इस योजना के तहत जागरूक करने के लिए शिविर भी लगाए जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद व्यापारियों का प्रशासन को रिस्पांस नहीं मिल रहा है। अगले माह से फेस्टिवल सीजन भी शुरू होने जा रहा है।व्यापारियों के लिए स्वैच्छिक है यह योजना
डीसी विनय प्रताप सिंह का कहना है कि व्यापारियों के लिए यह योजना स्वैच्छिक है। दुकानदारों और व्यापारियों के लिए अनिवार्य नहीं हैं। सिर्फ वह दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान ही इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं जो श्रम विभाग के साथ पंजीकृत हैं।यहां कर सकते हैं आवेदन
24 घंटे दुकानें खोलने के लिए आवेदन करना काफी आसान है। विभाग में अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। श्रम विभाग के आनलाइन पोर्टल labor.chd.gov.in पर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन करने के बाद कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटों का विकल्प चुनने वाले दुकानदारों और व्यापारियों की सूची क्षेत्र के एसएचओ के साथ साझा की जाती है।श्रम निरीक्षकों और सहायक कर्मचारियों की टीमें गठित
24 घंटों के दौरान सफाई और कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सूची नगर निगम के साथ भी साझा की गई है। इच्छुक दुकानदारों और व्यापारियों के बीच सुविधा और जागरूकता बढ़ाने के लिए श्रम विभाग ने छह श्रम निरीक्षकों और सहायक कर्मचारियों की टीमें भी गठित की है। जो व्यापारी संगठन और मार्केट एसोसिशन के पदाधिकारियों के साथ भी तालमेल करते हैं। हालांकि नियम और शर्तों का उल्लंघन होने पर किसी भी छूट को प्रशासन रद्द कर सकता है।इस समय शहर में रात को दुकानें खोलने का कल्चर नहीं बना है। कारण यह भी है कि ऑनलाइन मार्केट से दिन में ही व्यापारियों का कारोबार प्रभावित है। 24 घंटे दुकानें खोलने की मंजूरी का फायदा रेस्टारेंट और खाने पीने की वस्तुओं को तैयार करके बेचने वालों को ही है। इसलिए दूसरे उत्पाद का कारोबार करने वाला यह सुविधा नहीं लेना चाहता। रात के समय ग्राहक भी बाजार में आने के लिए तैयार नहीं होता है। अभी फिलहाल सभी व्यापारी इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए तैयार नहीं है। श्रम विभाग व्यापारियों के साथ-साथ शहर के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन को भी जागरूक करना चाहिए।
संजीव चढ्ढा, महासचिव, व्यापार मंडल
यह भी पढ़ें: 'दिल्ली पैटर्न पर नहीं मिल सकती राहत', सांसद मनीष तिवारी ने हाउसिंग बोर्ड पर लोकसभा में पूछे सवाल; तो मिला ये जवाबचंडीगढ़ दिल्ली और गुड़गांव की तरह ऐसा शहर नहीं है जहां पर रात के समय भी सड़कों पर भीड़ रहती हो। इसलिए यहां पर 24 घंटे बाजार खुलने का कल्चर अभी विकसित नहीं हो सकता। रेस्टोरेंट वाले जरूर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। यह फैसला दूसरे व्यापारियों के लिए लाभदायक नहीं है क्योंकि इस फैसले से दुकानदारों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा,खासकर छोटे दुकानदार जो स्वयं दुकान पर काम करते है उनके लिए 24 घंटे दुकान खोलना मुश्किल हो जाएगा। सुरक्षा भी एक बड़ा कारण है।
कैलाश चंद जैन, अध्यक्ष,उद्योग व्यापार मंडल