Chandigarh Crime: बल्ड डोनेशन कैंप से खुली 14 साल पुराने हत्याकांड की गुत्थी, पुलिस चार वर्ष पहले बंद कर चुकी थी केस
डीएवी कॉलेज (Chandigarh Crime) की छात्रा नेहा की साल 2010 में हत्या कर दी गई थी। पुलिस इस हत्याकांड के आरोपी तक नहीं पहुंच पाई। लेकिन पुलिस ने अब इस केस की गुत्थी सुलझा ली है। हत्याकांड के 14 साल बाद पुलिस ने इस केस को सुलझा लिया और आरोपित को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पुलिस आरोपी तक ब्लड डोनेशन कैंप के जरिए पहुंच पाई।
आदेश चौधरी, चंडीगढ़। Chandigarh Crime: चौदह साल पहले हुई डीएवी कॉलेज की छात्रा नेहा की हत्या का केस भले ही चार साल पहले बंद हो गया था, मगर पुलिस ने इसकी जांच बंद नहीं की।
उसी का नतीजा है कि हत्याकांड के 14 साल बाद पुलिस ने इस केस को सुलझा लिया और आरोपित को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
बल्ड डोनेशन कैंप से सुलझी गुत्थी
आरोपित ने हत्या के बाद अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया, न मोबाइल फोन रखा, लेकिन बल्ड डोनेशन कैंप में 800 से ज्यादा सैंपल जांच कर इस आरोपित तक पहुंचा जा सका।नेहा के पिता ने इसके लिए चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर का आभार जताया है। वहीं आरोपित के लिए फांसी की सजा मांगी है।साल 2010 में नेहा की हत्या होने के बाद अधिकारी बदलते रहे और संदिग्ध भी। अब जाकर 14 साल बाद नेहा को इंसाफ मिलने की आस जगी है। आरोपित मोनू कुमार बहुत ही शातिर अपराधी है।
वह पुलिस की पकड़ में न आ सके, इसके लिए उसने आज तक आधार कार्ड ही नहीं बनवाया। न बैंक खाता खुलवाया और न अपने पास मोबाइल रखा।
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