स्कीम वाला मकान बेचा या रेंट पर दिया तो खैर नहीं, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड कर रहा वापस लेने की तैयारी
शिकायतें मिल रही हैं कि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले प्रशासन से पुनर्वास या किसी दूसरे योजना के नाम पर मकान लेकर इसे आगे बेच रहे हैं। इसी तरह के मामलों को देखने के लिए बोर्ड ने ग्राउंड सर्वे का निर्णय लिया है।
By DeepikaEdited By: Updated: Wed, 06 Jul 2022 12:35 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। अगर आपको पुनर्वास योजना, स्माल फ्लैट और अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम के जरिए चंडीगढ़ में मकान मिला था और अब आप यहां नहीं रह रहे या किसी दूसरे को घर किराए पर दिया हुआ है तो आपकी मुश्किल बढ़ने वाली है। आपके साथ-साथ जो व्यक्ति उस मकान में रह रहा है उसे भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। दरअसल, सीएचबी पहली बार अपने ऐसे सभी मकानों का ग्राउंड सर्वे करवा रहा है।
बता दें कि, यह सर्वे केवल इसीलिए करवाया जा रहा है ताकि देखा जा सके कि जिन लोगों को सरकारी स्कीम के तहत मकान दिए गए थे वह उसमें रह भी रहे हैं या नहीं। ऐसी लगातार शिकायतें मिलती रही हैं कि झुग्गी, झोपड़ी में रहने वाले प्रशासन से पुनर्वास या किसी दूसरे योजना के नाम पर मकान लेकर इसे आगे बेच रहे हैं।
फिर कहीं झुग्गी डालकर मकान लेने की फिराक में लग जाते हैं। इसी तरह के मामलों को देखने के लिए बोर्ड ने ग्राउंड सर्वे का निर्णय लिया है। सीएचबी ने पुनर्वास योजना, स्माल फ्लैट स्कीम और अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम के जरिए अलग-अलग एरिया में 17 हजार फ्लैट आवंटित किए हैं।
टीम को देना होगा पहचान का प्रूफसीएचबी की टीम सर्वे में देखेगी कि फ्लैट में अलाटी और उसका परिवार रह रहा है या नहीं। फ्लैट का मासिक रेंट, लाइसेंस फीस, किस्त समय पर दी जा रही है या नहीं कोई बकाया तो नहीं है। टीम यह सभी बातें मौके पर ही देखेगी। सर्वे के समय अलाटी को अपनी पहचान के लिए कोई आईडी कार्ड दिखाना होगा।
अलाटी के साथ रह सकते हैं यह लोग अगर घर में अलाटी के स्वजन हैं तो उसमें पेरेंट्स, भाई-बहन, पत्नी, बेटा, बेटी, बेटे की पत्नी और उसके पौते पौती हो सकते हैं। दोस्त, कजन और रिश्तेदार कुछ समय के लिए रह सकते हैं, लेकिन वह परमानेंट रेजिडेंट नहीं हो सकते। अगर कहीं दोस्त, रिश्तेदार और कजन अलाटी और उसके स्वजनों के बिना रहते मिलते हैं तो इसे वायलेशन माना जाएगा।
मकान पर कब्जा वापस लेगा सीएचबी वायलेशन के केस में फ्लैट की अलाटमेंट रद की जा सकती है और मकान पर सीएचबी वापस कब्जा लेगा। इस सर्वे प्रक्रिया के बाद वायलेशन मिलने पर जो फ्लैट खाली होंगे उन्हें प्रक्रिया के तहत आगे दूसरे अलाटियों को आवंटित किया जाएगा।यह भी पढ़ेंः- चंडीगढ़ मोटर मार्केट के प्रवेश द्वार पर गंदगी का अंबार, युवा कांग्रेसी नेता बोले- स्वच्छता को लेकर ड्यूटी भूल चुका है नगर निगम
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