Chandigarh Mayor Election: जिस नगर निगम में साफ-सफाई करते थे कुलदीप, आज उसी इलाके के मेयर पद की संभाली कुर्सी
Chandigarh Mayor Election सुप्रीम कोर्ट ने बीते कल आप पार्षद कुलदीप कुमार टीटा का नया मेयर घोषित किया। डड्डूमाजरा के पार्षद कुलदीप वहीं मेयर बने हैं जिसे इलाके में वह कॉन्ट्रैक्ट के रूप में सफाई कर्मचारी थे। कुलदीप के मेयर बनने से आप पार्टी के उम्मीदवारों में खुशी का माहौल बना हुआ है। बीते दिन सर्वोच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा को शहर का नया मेयर घोषित कर दिया है, जिसके बाद उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है। डड्डूमाजरा के पार्षद कुलदीप उसी निगम में मेयर बने हैं, जहां कभी वह कांट्रैक्ट पर सफाई कर्मचारी थे।
पीठासीन अधिकारी ने आठ वोट रद किए थे
चंडीगढ़ नगर निगम में पहली बार आप का मेयर बना है। 35 सदस्यीय निगम सदन में मेयर चुनाव में कुलदीप को 20 वोट मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर को सांसद के एक वोट सहित 16 वोट मिले थे, लेकिन पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने कुलदीप को मिले 20 में आठ वोट रद कर भाजपा के सोनकर को जीता हुआ घोषित कर दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था।
भाजपा ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की
चंडीगढ़ मेयर चुनाव आइएनडीआइए के घटक दल कांग्रेस व आप ने मिलकर लड़ा था। मेयर की सीट पर आप प्रत्याशी व सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर की सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा, लेकिन मेयर चुनाव में हंगामे के बाद आप व कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था और भाजपा ने इन दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर दी थी।
हाई कोर्ट पर टिकी निगाहें
मामले में कांग्रेस ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन अब निगम सदन में भाजपा की स्थिति मजबूत हो गई है। आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में 35 पार्षदों वाले निगम सदन में भाजपा के पक्ष में संख्याबल 17 हो गया है। इसके अलावा एक सांसद का भी वोट भाजपा के साथ है। कांग्रेस व आप के पास अब 17 पार्षद ही रह गए हैं, जिनमें आप के 10 व कांग्रेस के सात पार्षद हैं। अब राजनीतिक दलों की निगाह इस बात पर लगी है कि सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर को लेकर हाई कोर्ट क्या फैसला देता है।
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