चंडीगढ़ की सांसद ने शुरू की लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी, मुंबई से लौटने के बाद सक्रिय हुईं किरण खेर
चंडीगढ़ की सांसद किरण खेल लंबे समय के बाद शहर लौटी हैं और अब पूरी तरह सक्रिय होकर काम में जुट गई हैं। इन दिनों सांसद किरण खेर कई तरह के बयान देकर सुर्खियां बटोर रही हैं। दरअसल यह उनकी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां हैं।
By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 09:15 AM (IST)
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। सांसद किरण खेर बीमारी से उभरने के बाद जब से मुंबई से चंडीगढ़ लौटी हैं तब से वह विपक्षी दलों पर आक्रमक तेवर दिखा रही हैं। इसलिए वह अब खुलकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर जमकर जुबानी हमला बोल रही हैं। सांसद की सक्रियता देख कई नेताओं और उनके समर्थकों को कहना है कि वह साल 2024 की तैयारियों में जुट गई हैं। किरण खेर पार्टी नेताओं और पार्षदों को लोगों के ज्यादा से ज्यादा काम करवाने की सलाह दे रही हैं।
सांसद किरण खेर को शहर लौटे हुए एक माह हुआ है। इस दौरान उन्होंने प्रशासन के प्रमुख विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें की। प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की मौजूदगी में सेक्टर-10 होटल के माउंट व्यू होटल में हुए एक कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई थी। ऐसा करके उन्होंने शहरवासियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को मैसेज देने के लिए किया है कि उनकी अफसरशाही पर पकड़ है। इस समय प्रशासन के अधिकारी भी सांसद को खुश करने में लगे हुए हैं। वह सांसद को ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रमों में बुला रहे हैं। आला अधिकारी सांसद के घर पर हाजरी भी दे रहे हैं, जिनकी तस्वीरें सांसद किरण खेर इंटरनेट मीडिया पर भी शेयर कर रही हैं। खेर शहर के हर प्रमुख कार्यक्रमों में भी शामिल हो रही हैं।
असल में ऐसा करके सांसद अपनी गैर मौजूदगी के समय की कमी को पूरा करने का प्रयास कर रही हैं। हाल ही में सांसद ने शहर के अहम मुद्दे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था पर अधिकारियों के साथ बैठक की थी। सांसद ने भाजपा कार्यायल में अपने नेताओं को भी अगले चुनाव में जुट जाने के लिए कहा है। किरण खेर चंडीगढ़ से दो बार चुनाव जीत चुकी हैं। जबकि कुछ उनके समर्थक यह भी कह रहे हैं कि अगर किरण खेर चुनाव न लड़ी तो उनके पति अनुपम खेर चुनाव लड़ सकते हैं।
जीते और हारे हुए नेताओं के साथ की बैठक मुबंई से आने के बाद सांसद ने निगम चुनाव में जीते भाजपा पार्षदों के साथ बैठक की तो वहीं हारे हुए उम्मीदवारों के साथ भी समीक्षा बैठक कर हार के कारणों पर मंथन किया। इस बैठक में एक हारे हुए उम्मीदवार ने सांसद की गैर मौजूदगी को भी हार का कारण बताया, जिसे सांसद ने भी माना। सांसद ने शहर की अहम एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से भी उनकी समस्याओं पर बैठक की। सांसद का प्रयास है कि पुराने मुद्दों को सुलझाकर अगले चुनाव के लिए जमीन मजबूत की जाए।
विपक्ष ने गैरमौजुदगी का बनाया था मुद्दावहीं, सांसद किरण खेर के शहर में सक्रिय हाेने से उनकी पार्टी के उन नेताओं की परेशानी बढ़ गई है जो कि अगले लोकसभा चुनाव में खुद उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनके विरोधी नेता सांसद की पार्टी हाईकमान को शिकायत भी लगाते रहते हैं। अपनी बीमारी के कारण सांसद किरण खेर पिछले एक साल मुबंई में ही थी। उस समय विपक्ष ने भी सांसद की गैर मौजूदगी को मुद्दा बनाया है।
आप और कांग्रेस ने फिर खोला सांसद के खिलाफ मोर्चासांसद ने हाल ही भाजपा कार्यालय में आप पार्षदों को जंगली कहा था, जिसके बाद राजनीति गरमा गई। असल में ऐसे भाषा का प्रयोग भाजपा का कोई और नेता नहीं कर सकता। सांसद के इस बयान से आप और कांग्रेस के नेताओं ने एक बार फिर से सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऐसा होने से सांसद खेर की राजनीति में सक्रियता और बढ़ गई है।
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