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Chandigarh News: विदेशों में काम के दौरान लापता हुए पंजाब और हरियाणा के लोगों का पता लगाएगी CBI, दर्ज की FIR

विदेश में काम करने के दौरान लापता हुए पंजाब

By Inderpreet Singh Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 02 Nov 2023 11:34 PM (IST)
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विदेशों में काम के दौरान लापता हुए पंजाब और हरियाणा के लोगों का पता लगाएगी CBI, File Photo

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab and Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा के विदेशों में लापता होने वाले युवाओं के मामलों की जांच सीबीआई करेगी। सीबीआई ने चार अलग-अलग मामले में भी दर्ज किए हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच में जुट गई है। ध्यान रहे कि पंजाब और हरियाणा के यह युवा काम की तलाश में विदेश गए थे, लेकिन वहां लापता हो गए।हाईकोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी को पांच याचिकाकर्ताओं के मामलों की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था। 

तस्करी के मार्गों से विदेश भेजने का लालच दिया गया

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनके रिश्तेदारों को ट्रैवल एजेंटों ने फर्जी दस्तावेजों पर या तस्करी के मार्गों से विदेश भेजने का लालच दिया गया। इसके बाद वह वहां गायब हो गए। सीबीआई ने दलजीत सिंह, अक्टूबर सिंह, जसवंत सिंह और महा सिंह की अलग-अलग शिकायतों में हरियाणा की नीता, बंटी, युदवीर भाटी और पंजाब के अवतार सिंह और प्रदीप कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। महा सिंह ने आरोप लगाया कि उनका बेटा सोमबीर दो अन्य व्यक्तियों के साथ युद्धवीर राठी डिफेंस एकेडमी (रोहतक) के माध्यम से यमन में ओवरसीज शिपिंग कंपनी में काम करने गया था। 

पंजाब के 105 लोग लापता हैं

एक साल बाद उनके साथ गए केवल दो व्यक्ति वापस आए, लेकिन उनके बेटे का कोई पता नहीं चला। जसवंत सिंह ने आरोप लगाया कि उनका बेटा 2010 से लापता है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने दावा किया कि पंजाब के 105 लोग लापता हैं और उनका कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने मामले दर्ज करने और अपने लापता बच्चों का पता लगाने के लिए पुलिस से संपर्क करने का बार-बार प्रयास किया लेकिन राज्य के उपकरणों ने उन्हें ढूंढने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है। 

वकील ने कहा कि चूंकि मामले छात्रों और व्यक्तियों के अवैध रूप से देश से बाहर जाने से जुड़ा हैं। इसलिए राज्य पुलिस का अधिकार क्षेत्र और भी सीमित है और केंद्रीय एजेंसियों पर बहुत अधिक निर्भरता है। उधर, पंजाब और हरियाणा सरकारों और केंद्र ने सीबीआई को जांच सौंपने का विरोध नहीं किया।

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