Chandigarh News: आईएएस अधिकारियों की विजिलेंस को चुनौती, पीसीएस अफसर काम पर लौटे
आइएएस अधिकारी नीलिमा के विरुद्ध उद्योगों की जमीन गलत तरीके से रियल एस्टेट कंपनी को ट्रांसफर करने के मामले में दायर केस में उन्हें निर्दोष साबित करने में जुटे उद्योग विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इस केस से संबंधित फैक्ट शीट अपलोड कर दी है।
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : पंजाब में पीसीएस अफसर सरकार की घुड़की के बाद भले ही अपने काम पर लौट आए हों, लेकिन आइएएस अधिकारियों ने अपने तेवर और कड़े कर लिए हैं। आइएएस अधिकारी नीलिमा के विरुद्ध उद्योगों की जमीन गलत तरीके से रियल एस्टेट कंपनी को ट्रांसफर करने के मामले में दायर केस में उन्हें निर्दोष साबित करने में जुटे उद्योग विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इस केस से संबंधित फैक्ट शीट अपलोड कर दी है।
नीलिमा को निर्दोष साबित करने की कोशिश की गई
ऐसा करके अधिकारियों ने सीधे विजिलेंस को चुनौती दे डाली है। इस फैक्ट शीट में विजिलेंस विभाग ने आइएएस अधिकारी नीलिमा के विरुद्ध दर्ज केस के जवाब दिए गए हैं। यही जवाब आइएएस अफसर एसोसिएशन ने दो दिन पहले भगवंत मान के साथ हुई बैठक में दिए थे। इससे यह साबित करने की कोशिश की गई थी कि नीलिमा निर्दोष हैं और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। दिलचस्प बात यह है कि जब इस मामले पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणुप्रसाद से उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, लेकिन इसके आधे घंटा बाद ही आधिकारिक वेबसाइट से फैक्ट शीट को हटा दिया गया, लेकिन उससे पहले ही जागरण ने इस फैक्ट शीट को डाउनलोड कर लिया था।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का सख्त रुख
इससे पहले लुधियाना में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) सचिव नरिंदर सिंह धालीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में सामूहिक अवकाश पर चल रहे पीसीएस अधिकारी मुख्यमंत्री भगवंत मान की सख्ती के बाद बुधवार को काम पर लौट आए। मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए पत्र जारी कर कहा कि अगर अधिकारी दो बजे तक ड्यूटी पर न लौटे तो उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पीसीएफ अफसरों की हड़ताल को गैर कानूनी, ब्लैकमेलिंग व बाजू मरोड़ने वाली करार दिया। इसके बाद पीसीएस अधिकारियों की एसोसिएशन ने ए. वेणुप्रसाद व रवि भगत से बैठक करके हड़ताल समाप्त कर दी। सूत्र बताते हैं कि अगर ‘काम नहीं कर रहे’ की लाइन अधिकारियों की फाइल में दर्ज होती, तो उनकी पदोन्नति रुक जाती।
भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की जीरो टालरेंस की नीति जारी
पीसीएस अधिकारियों पर दर्ज मामलों की जांच कर एसओपी जारी करेगी कमेटी पीसीएफ अफसरों की एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत ओबराय व छह सदस्यों की मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ए वेणुप्रसाद व स्पेशल प्रिंसिपल सेक्रेटरी रवि भगत के साथ बैठक 35 मिनट तक चली। इसमें निर्णय लिया गया कि जिन तीन पीसीएस अधिकारियों नरिंदर सिंह धालीवाल, तरसेम चंद व नायब तहसीलदार संदीप कुमार के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, उनकी जांच के लिए मुख्य सचिव वीके जंजुआ के नेतृत्व में कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम को लेकर जारी निर्देशों को लेकर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगी। वहीं, ए. वेणुप्रसाद ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की जीरो टालरेंस की नीति जारी रहेगी।