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Chandigarh News: जेम पोर्टल का कमाल, रखे फर्जी डिग्री वाले लैब अटेंडेट, पैसा देख दे रहे नौकरी

लैब अटेंडेट के पास कौन से बोर्ड और यूनिवर्सिटी की डिग्री है इसे चेक करने के लिए कहीं कोई आथोरिटी नहीं है। इसी प्रकार से इंजीनियरिंग विभाग में जेईई से लेकर एसडीओ तक की नियुक्ति भी जेम पोर्टल से हो रही है।

By DeepikaEdited By: Updated: Mon, 15 Aug 2022 10:35 AM (IST)
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चंडीगढ़ प्रशासन में पैसा देख नौकरी दी जा रही है। (सांकेतिक)
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन में डिग्री और अनुभव नहीं, पैसा देख नौकरी दी जा रही है। कम कमीशन, समय की बचत के साथ बेहतर काम हो सके इसके लिए प्रशासन ने जेम पोर्टल को खरीद-फरोख्त के साथ कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चुना है। प्रशासन के सभी विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को जेम पोर्टल के जरिए नियुक्त किया जा रहा है।

हैरत की बात है कि कर्मचारियों को रखने से पहले सिर्फ उनकी जेब टटोली जाती है। उनके पास उस काम को करने की क्षमता है या नहीं, उनके पास किसी बोर्ड या यूनिवर्सिटी से प्रमाण पत्र प्रमाणित है या नहीं इसे चेक करने वाला कोई नहीं है। सिर्फ पैसा लेकर कर्मचारियों की नियुक्ति हो रही है। यह नियुक्ति स्कूल से लेकर पुलिस प्रशासन तक हो रही है, लेकिन इस पर लगाम लगाने का साहस किसी के पास नहीं है।

शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में लैब अटेंडेट की नियुक्ति की गई है। लैब अटेंडेट के पास कौन से बोर्ड और यूनिवर्सिटी की डिग्री है, इसे चेक करने के लिए कहीं कोई आथोरिटी नहीं है। इसी प्रकार से इंजीनियरिंग विभाग में जेईई से लेकर एसडीओ तक की नियुक्ति भी जेम पोर्टल से हो रही है। इसमें कांट्रेक्टर संस्थान को एक पत्र देकर कर्मचारी को भेज देता है कि इसे नियुक्त कराया जाए लेकिन उस पर सवाल करने वाला कोई नहीं होता।

कम्प्यूटर टीचर और इंस्ट्रक्टर से 12वीं पास कांट्रेक्टर ले रहा है काम

शिक्षा विभाग में 163 कम्प्यूटर टीचर और इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति है। जून 2020 से मई 2022 तक कम्प्यूटर टीचर्स और इंस्ट्रक्टर से काम लेने की जिम्मेदारी एक 12वीं पास कांट्रेक्टर अखिलेश शर्मा और उसके बाद अब संदीप शर्मा के पास है। दोनों ही ठेकेदारों ने शिक्षकों और इंस्ट्रक्टरों की डिग्री, अनुभव के चेक करने के बजाए सिर्फ पैसे की डिमांड रखी। मांग न पूरी होने पर विभाग के 90 से ज्यादा शिक्षकों को 18 महीने बेरोजगार बैठना पड़ा। 18 महीने बाद शिक्षकों को कांट्रेक्टर के आगे झुकना पड़ा और रूपये देकर काम पर ज्वाइन करना पड़ा।

अधिकारी नहीं करते कार्रवाई

जेम पोर्टल पर कांट्रेक्टर खुलकर लूट का खेल कर रहे हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई करने वाला कोई अधिकारी नहीं है। ज्यादातर कर्मचारी उस पर बोलना नहीं चाहते। वर्ष 2020 में स्कूलों में कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों ने अवैध वसूली देने से इंकार किया तो विभाग ने कांट्रेक्टर पर कार्रवाई करके बाहर निकालने के बजाए शिक्षकों की ही छुट्टी कर दी। इसी प्रकार से जाहरवीर मैनपावर कंपनी के पास शहर के कालेजों का ठेका है जोकि पूरे महीने की सैलरी देकर नौकरी कर रहे हैं लेकिन अधिकारियों के रवैए को देखकर कोई भी शिकायत नहीं करना चाहता।

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