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Chandigarh News: हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन का ट्रायल असफल, 50 मीटर दूरी पर ही हांफा इंजन

पंजाब के चंडीगढ़ में हाइड्रोलिक मल्‍टीपल यूनिट ट्रेन का ट्रायल असफल हो गया। 50 मीटर दूरी पर ही इंजन हांफने लगा। इससे रेलवे विभाग और आरडीएसओ टीम की तैयारियों पर पानी फिर गया। अब ट्रायल के लिए दोबारा दिन निर्धारित किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 17 Feb 2023 08:26 AM (IST)
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हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन का ट्रायल असफल, 50 मीटर दूरी पर ही हांफा इंजन
राजकुमार, कालका: सेल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन का ट्रायल सफल नहीं रहा। ट्रेन सेट का ट्रायल शुरू होते ही इंजन हांफने लग गया, जिससे रेलवे विभाग और आरडीएसओ टीम की तैयारियों पर पानी फिर गया। ट्रेन का इंजन मात्र 50 मीटर का सफर भी तय नहीं कर पाया। इस मामले में कोई अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं था। जानकारी अनुसार वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करीब 96 किमी लंबा कालका-शिमला रेल खंड पर वर्ष 1923 में शुरू की गई रेल कार सेवा का दम उखड़ने लगा था।

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ऐसे में विभाग बड़ी मुश्किल से एक रेल कार चला रहा था, जबकि किसी जमाने में चार रेल कार दौड़ती थीं। रेल कार में अलग-अलग 15 से लेकर 18 लोग बैठ सकते हैं, लेकिन विभाग ने रेल कार की जगह ट्रेन सेट चलाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में सेल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन को तैयार किया गया।

जिसकी अधिकतम स्पीड 40 किमी प्रति घंटा है, लेकिन कालका-शिमला रेल मार्ग पर नजर डालें तो पता चलता है कि करीब 96 किमी लंबे और 18 स्टेशन वाले इस मार्ग पर करीब 102 सुरंग, 869 पुल और 919 घुमाव हैं, जिसमें कुछ बहुत तीखे मोड़ पर ट्रेन 48 डिग्री के कोण पर घूमती है, जिस कारण यह हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन की स्पीड का मापदंड तय करने के लिए विभाग के आरडीएसओ की टीम और नई दिल्ली की टीम ने ट्रायल करना हैं।

पहले दिन 20 की स्पीड

टीम ने कालका से शिमला के बीच इस ट्रेन सेट का पहला ट्रायल 20 किमी प्रति घंटा के हिसाब से करना था, जिसकी तैयारियों के लिए टीम के साथ-साथ विभाग के कर्मचारी सुबह से ही लग गए थे। सुबह करीब 10 बजे ट्रेन की पूजा-अर्चना की गई और लड्डू बांटने के बाद इसका ट्रायल के लिए रवाना किया गया। यहां तक तो हर एक के चेहरे पर खुशी की झलक थी।

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चंद मिनटों में ही टीम के चेहरे मुरझा गए, जब करीब एक किमी का सफर तय करने से पहले ही इंजन हांफने लगा। इंजन ने लोड नहीं उठाने के कारण ट्रेन को वापस कालका लाया और तकनीकी कार्य शुरू कर दिया। स्टेशन से बताया गया कि अब ट्रायल के लिए दोबारा समय निर्धारित किया जाएगा।

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