चंडीगढ़ पेड पार्किंग घोटाले के आरोपी अनिल शर्मा की जमानत याचिका खारिज, 6.82 करोड़ रुपये का किया था घोटाला; एक साल से जेल में है बंद
चंडीगढ़ में पेड पार्किंग की लाइसेंस फीस के 6.82 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में आरोपित पाश्चयात कंपनी के निदेशक अनिल कुमार शर्मा को जिला अदालत से झटका लगा है। एडिशनल सेशन जज डॉ. रजनीश की कोर्ट ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी। वह लगभग एक साल से बुड़ैल जेल में बंद है। आरोपित घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़।Paid parking scam in Chandigarh: चंडीगढ़ में पेड पार्किंग की लाइसेंस फीस के 6.82 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में आरोपित पाश्चयात कंपनी के निदेशक अनिल कुमार शर्मा को जिला अदालत से झटका लगा है। एडिशनल सेशन जज डॉ. रजनीश की कोर्ट ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी।
एक साल से जेल में बंद है आरोपी
विवेकानंद पुरी सराय रोहिल्ला, दिल्ली निवासी अनिल शर्मा को बीते वर्ष मार्च में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वह लगभग एक साल से बुड़ैल जेल में बंद है। सेक्टर-17 थाना पुलिस ने उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 व 120बी के तहत केस दर्ज किया था। आरोपित के वकील ने अदालत में दलील दी कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है।
23 मार्च को अदालत में किया था आत्मसमपर्ण
वह न तो पार्किंग की ठेका कंपनी पाश्चात्य एंटरटेनमेंट का निदेशक है और न ही कंपनी के व्यावसायिक मामलों से जुड़ा है। आरोपित ने बीते वर्ष 23 मार्च को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। तब से वह हिरासत में है। मामले की चार्जशीट अदालत में पेश की जा चुकी है। ऐसे में केस की सुनवाई में काफी समय लगेगा। वहीं मामले में सह आरोपित संजय शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। ऐसे में अनिल शर्मा भी जमानत का हकदार है।
घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता है अनिल शर्मा
सरकारी वकील जेपी सिंह ने आरोपित की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता है। उसने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर नगर निगम के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। आरोपित ने जानबूझकर जाली और मनगढ़ंत तीन बैंक गारंटी तैयार की थी। वह 1,65,33,333 रुपये की जाली तीन बैंक गारंटी तैयार करने का मास्टरमाइंड है।
घोटाले के 1.48 करोड़ रुपये मिले
आरोपित के बैंक खाते से पार्किंग से घोटाले के 1.48 करोड़ रुपये मिले हैं। आरोपित अरगिंद कुमार और मयंक कुमार के साथ मिलकर विक्टोरियस रियल कंपनी, आरपी एंटरप्राइजेज, अमोघ फिनमैन और श्री साई नाथ एंटरप्राइजेज कंपनिया भी चला रहा है।
कंपनियों के बैंक खाते में भी मिला घोटाले का पैसा
इन कंपनियों के बैंक खातों में पार्किंग घोटाले के करोड़ों रुपये आरोपित ने जमा किए थे। मामले की जांच अभी भी जांच चल रही है। ऐसे में अगर उसे जमानत दी जाती है तो वह भाग सकता है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपित अनिल शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी।
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यह था पूरा मामला
नगर निगम ने वर्ष 2020 में शहर की 89 पार्किंगों को दो जोन में बांटकर उन्हें ठेके पर दिया था। जोन एक की 57 पार्किंगों का ठेका पाश्चात्य एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। ठेकेदार को हर माह 45 लाख रुपये निगम को देना था। उसने लगभग डेढ़ साल तक रुपये जमा कराए और उसके बाद वह लगातार फीस माफ करने के लिए पत्र लिखता रहा। इस दौरान लाइसेंस फीस, जुर्माना और दोनों का ब्याज मिलाकर लगभग सात करोड़ रुपये का बकाया हो गया।
निगम को दी गई बैंक की गारंटी निकली फर्जी
23 जनवरी 2023 को कंपनी का ठेका समाप्त हो गया। उसके बाद निगम ने बकाया वसूलने के लिए बैंक को पत्र लिखा, तो बैंक की ओर से बताया गया कि उनकी ओर से बैंक गारंटी का कोई सत्यापन पत्र निगम को नहीं दिया गया है। जो निगम के पास बैंक गारंटी है, वो फर्जी है।