Chandigarh: खेल में नाम कमाने के लिए युवा ले रहे फर्जी आयु दस्तावेज का सहारा, स्वजनों ने बीसीसीआइ से की शिकायत
खेल में नाम कमाने के लिए युवा फर्जी आयु दस्तावेज का सहारा ले रहे हैं। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में मानसा से आए खिलाड़ियों के स्वजनों ने ये फर्जी प्रमाणपत्र दिखाकर यह आरोप लगाए। इस धांधली का असर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के करियर पर पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: खेल में नाम कमाने के लिए युवा फर्जी आयु दस्तावेज का सहारा ले रहे हैं। सेक्टर-27 स्थित चंडीगढ़ प्रेस क्लब में शुक्रवार को मानसा से आए खिलाड़ियों के स्वजनों ने ये फर्जी प्रमाणपत्र दिखाकर यह आरोप लगाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला क्रिकेट एसोसिएशन मानसा के पदाधिकारी भी इस धांधली में शामिल हैं। वह फर्जी खिलाड़ियों को प्रमोट कर रहे हैं। इस धांधली का असर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के करियर पर पड़ रहा है।
खिलाड़ियों की उम्र में सात-सात साल का हेरफेर
स्वजनों ने कई ऐसे फर्जी खिलाड़ियों के नाम और उम्र का भी जिक्र किया। एडवोकेट अमन कुमार मित्तल ने बताया कि हैरानी की बात तो यह है कि खिलाड़ियों ने अपनी उम्र में एक दो महीने नहीं बल्कि सात-सात साल का हेरफेर किया है।
मामले की शिकायत मानसा एसएसपी और बीसीसीआइ के एंटी करप्शन प्रमुख एचएस चंपावत को दी गई, लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मित्तल ने बताया कि पंजाब की तरफ से कूच बिहार ट्राफी खेल रहे रणदीप सिंह की जन्मतिथि पहली अप्रैल 2001 है, बावजूद इसके वह फर्जी दस्तावेज के सहारे पंजाब से खेल रहा है।
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जिला क्रिकेट एसोसिएशन मानसा का मामला
पीसीए को दिए गए दस्तावेज में रणदीप सिंह की आयु पहली नवंबर 2003 बताई गई है। वहीं सक्षम मित्तल की जन्मतिथि चार अप्रैल 1997 है, लेकिन वह एक नवंबर 2003 का जन्म प्रमाणपत्र देकर पंजाब के टूर्नामेंट में खेल रहे हैं।
सक्षम ने अपनी उम्र सात साल कम दिखाई है। वहीं जिला क्रिकेट एसोसिएशन मानसा के सेक्रेटरी जगमोहन सिंह धालीवाल ने बताया कि मानसा क्रिकेट एसोसिएशन ने पंजाब क्रिकेट एसो. के रूल्स के मुताबिक लिया गया है।
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