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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और दो बेटियों के बाद अब पत्नी ने भी तोड़ा दम, कार में आग लगने से हुआ था हादसा

तीन नवंबर की रात चंडीगढ़-अंबाला हाईवे (Chandigarh- Ambala Highway) पर एक दर्दनाक हादसे में चंडीगढ़ विवि के प्रोफेसर डॉ. संदीप नसीयर और उनकी दो बेटियों की मौत हो गई थी। हादसे में उनकी पत्नी लक्ष्मी और मां सुदेश भी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं लेकिन रविवार को पीजीआई में इलाज के दौरान उनकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 10 Nov 2024 01:05 PM (IST)
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प्रोफेसर संदीप और उनकी बेटियों की फाइल फोटो
रवि अटवाल, चंडीगढ़। तीन नवंबर की रात चंडीगढ़- अंबाला हाईवे (Chandigarh Ambala Highway) पर दर्दनाक हादसा हुआ। सेक्टर- 7 के रहने वाले डॉ.संदीप नसीयर अपने परिवार के साथ दीवाली मनाकर चंडीगढ़ लौट रहे थे। शाहबाद के पास अचानक उनकी कार में आग लग गई और पूरा परिवार कार के अंदर ही फंस गया। हादसा इतना भयानक था कि इसमें डॉ. संदीप के साथ-साथ उनकी छह साल की बेटी परी और 10 साल की बेटी खुशी की मौत हो गई।

अब प्रोफेसर की पत्नी ने तोड़ा दम

हादसे में उनकी पत्नी लक्ष्मी और मां सुदेश भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। रविवार को पीजीआइ में इलाज के दौरान लक्ष्मी ने भी दम तोड़ दिया। रविवार को डॉ.संदीप और उनकी बेटियों की प्रार्थना सभा रखी गई थी लेकिन लक्ष्मी की मौत होने की वजह से इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।

सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे डॉ. संदीप

डॉ. संदीप नसीयत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे। हादसे से दो हफ्ते पहले ही उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। वे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर व राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू के काफी करीबी थे। उन्होंने भी डॉ.संदीप नसीयर की मौत पर दुख जताया था।

संदीप व उसकी बेटियां कार में पीछे बैठे थी, जिससे उनकी मौत हुई। सतीश कुमार गाड़ी चला रहा था। जिसने कार को खोलने के लिए भरसक प्रयास किए, मगर वह सफल नहीं हो पाया। जब तक कार के दरवाजे खुले उसके परिवार के सदस्य पूरी तरह से आग की चपेट में आ चुके थे।

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भाई का परिवार बाल-बाल बचा

हादसे से कुछ दिन पहले पूरा परिवार सोनीपत में अपने पैतृक गांव में दिवाली मनाने गया था। वापसी में गाड़ी को डॉ.संदीप चला रहे थे जबकि उनका भाई सुशील साथ की सीट पर बैठा था। उस वक्त गाड़ी में उनके भाई के अलावा उसकी पत्नी और 10 साल का बेटा भी बैठे थे।

डॉ.संदीप की दोनों बेटियां खुशी व परी पिछली सीट पर बैठी थीं। कार में अचानक धुआं उठने लगा और आग लग गई। सभी लोग कार में ही फंस गए। बड़ी मुश्किल से लोगों को गाड़ी से बाहर निकाला गया।

डॉ.संदीप और उनकी बेटियों की दम घुटने से ही मौत हो गई थी जबकि उनकी मां और भाई व उसका परिवार किसी तरह से बच गए। सभी को पीजीआई ले जाया गया था।

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