पीएम नरेन्द्र मोदी के समक्ष पंजाब की बड़ी मांग रखने से चूके सीएम भगवंत मान, विपक्ष ने घेरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत दिवस न्यू चंडीगढ़ में कैंसर अस्पताल का उद्घाटन किया। मंच पर सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे लेकिन वह पीएम से किसानों की मांगों को रखने से चूक गए। इस पर विपक्ष ने सीएम मान को घेरा है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2022 10:33 AM (IST)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने कोई बड़ी मांग रखने से चूक गए। हालांकि उनके संबोधन में एक मौका ऐसा आया था कि जब लगा कि वह कृषि के विविधिकरण को लेकर बड़े पैकेज की मांग रख सकते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
भगवंत मान ने कहा कि राज्य ने देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है, परंतु कीटनाशकों और नदीननाशकों के अधिक प्रयोग के कारण पंजाब के लोग कैंसर की बीमारी की लपेट में आ गए, लेकिन यहां वह यह नहीं कह पाए कि पंजाब आज इन कीटनाशकों और नदीननाशकों से निकलकर जैविक खेती की ओर बढ़ना चाहता है, केंद्र सरकार की भी यही सोच है इसके लिए पंजाब को आने वाले पांच सालों के लिए विशेष पैकेज की जरूरत होगी।
भगवंत मान ने केवल इतना कहा कि नीति आयोग की मीटिंग में उन्होंने मांगें रखीं थीं, आप उन्हें देख लें। शिरोमणि अकाली दल के मुख्य प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि भगवंत मान पूरी तरह से चूक गए हैं। यह पंजाब के लिए दुर्भाग्य की बात है कि जब भी प्रधानमंत्री पंजाब आते हैं, मुख्यमंत्री उनके सामने कोई मांग नहीं रख सकता।PM ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਜੀ ਨਾਲ ਹੋਮੀ ਭਾਬਾ ਕੈਂਸਰ ਹਸਪਤਾਲ, ਮੁੱਲਾਂਪੁਰ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਸਮਾਰੋਹ…Live https://t.co/7tYUbBA8d9
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) August 24, 2022
चीमा ने कहा कि पिछला दौरा तत्कालीन चन्नी सरकार की बदइंतजामी की भेंट चढ़ गया, जबकि गत दिवस मुख्यमंत्री भगवंत मान कोई ऐसी मांग नहीं रख सके। उन्होंने कहा, अकाली-भाजपा सरकार के दौरान जब भी पीएम पंजाब आते थे तो प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री रहते हुए उनके सामने मांगें रखते थे, क्योंकि यह एक बड़ा मौका होता है जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री लंबे समय के लिए एक मंच पर होते हैं।शिअद प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब की आर्थिक स्थिति के लिए वह विशेष पैकेज मांग सकते थे, कृषि को बदलने के लिए पैकेज मांग सकते थे। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी कहा कि लोगों को प्रधानमंत्री के दौरे से बहुत उम्मीद थी कि वह कोई बड़ा पैकेज देकर जाएंगे, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह मांग ही उनके सामने नहीं रखी।
सीएम के पास पंजाब के लिए कोई विजन नहीं है। उन्हें पहले से ही पंजाब की प्रमुख मांगों की सूची तैयार करनी चाहिए थी जिसमें किसानों को फसली विविधिकरण का पैकेज देना, सीमांत इलाकों में उद्योगों को कर रियायतें आदि देने का मामला उठाया जा सकता है।बाजवा ने कहा कि यह सरकारी समारोह था जिसमें सभी को निमंत्रित करना चाहिए था। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि मुख्मयंत्री ने कहा था कि नीति आयोग के सामने हमने पंजाब की मांगे रखी हुई हैं जिसमें सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देना और गेहूं व धान के अलावा अन्य फसलों को खरीदने की गारंटी देना शामिल है।
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