CM भगवंत मान की केंद्र सरकार को धमकी, कहा- RDF का फंड जारी करें, नहीं तो एक जुलाई को सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विशेष सत्र में केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि गैर भाजपा सरकारों को तंग करने का केंद्र सरकार ने मन बना रखा है और हर राज्य में इस काम के लिए राज्यपाल को बिठा रखा है।
चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने आज केंद्र सरकार को धमकी दी है कि यदि एक सप्ताह के अंदर 3622 करोड़ रुपए का रोका हुआ देहाती विकास फंड न दिया तो एक जुलाई को वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। भगवंत मान आज पंजाब विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान आरडीएफ (Rural Development Fund) को लेकर खेती मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर बोल रहे थे।
आज केंद्र सरकार के साथ साथ पंजाब की कांग्रेस और भाजपा पर वह जमकर बरसे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि गैर भाजपा सरकारों को तंग करने का केंद्र सरकार ने मन बना रखा है और हर राज्य में इस काम के लिए राज्यपाल को बिठा रखा है। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन अगर राज्यपाल मुख्यमंत्री को तंग न करें तो केंद्र सरकार उन्हें कह देती है कि आपको राज्यपाल बनाने का क्या फायदा हुआ।
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के लिखे पत्रों की फाइल भी उन्होंने सदन में दिखाई। उन्होंने कहा कि राज्यपाल मुझे पत्र लिखते रहते हैं, लेकिन क्या यह उनका फर्ज नहीं बनता है कि वह केंद्र सरकार से पैसा रोके जाने संबंधी बात करें।
'हमारा पैसा जारी करें, सड़कें चमका देंगे'
मान ने कहा कि दरअसल राजभवन सत्ताधारी पार्टियों के दफ्तर बन गए हैं। अगर केंद्र सरकार हमारे रोके हुए 3622 करोड़ दें, सड़कें चमका देंगे। उन्होंने आरडीएफ को रोकने को बाजू मरोड़ने की संज्ञा देते हुए कहा कि कई और योजनाओं का पैसा रोक रखा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी धमकी दी कि इस समय देश में अनाज की कमी है और यदि हमने गेहूं की फसल रोक ली तो देश में अनाज की कमी खड़ी हो जाएगी। लेकिन पंजाब दरियादिल है, हम देश के लोगों को भूखा नहीं मारना चाहते। केंद्र को अपनी हरकतों पर ध्यान देना चाहिए।
मान ने केंद्र की नीतियों को बताया दमनकारी
केंद्र की नीतियों को दमनकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि कभी आर्डिनेंस लाकर तंग करते हैं तो कभी आरडीएफ रोककर हमें तंग किया जा रहा है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर बरसते हुए भगवंत मान ने कहा कि वह बार-बार आपरेशन लोटस के बारे में पूछ रहे हैं , क्या भाजपा में जाने के लिए हमसे ऑपरेशन लोटस के बारे में पूछ रहे हैं। हमारे विधायकों को मटेरियल बता रहे हैं तो क्या मैं भी कहूं कि राहुल गांधी ट्रकों पर चढ़े फिर रहे हैं और प्रदेश प्रधान अमरिंदर राजा वड़िग बसों से भागते फिर रहे हैं।
'पंजाब के किसानों को सजा दी जा रही है'
इससे पहले, पंजाब विधानसभा में आज चार सीजन के देहाती विकास फंड का 3622 करोड़ रुपए रोकने का विरोध करने वाला प्रस्ताव कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने पेश किया। जिस पर बहस करते हुए मंत्री मीत हेयर ने आरोप लगाया कि पंजाब के किसानों की ओर से तीन खेती कानूनों का विरोध करने के कारण ही आज किसानों को सजा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जब किसान तीन खेती कानूनों का विरोध कर रहे थे तो उन्हें कभी आतंकी कहा गया तो कभी नक्सली कहा गया। मीत हेयर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के साथ की जा रही धक्केशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
'केंद्र ने फंड रोककर विकास में बाधा पैदा की'
वहीं, आप के विधायक जगरूप सिंह गिल ने कहा कि मुगलों, अंग्रेजों और राजाओं के समय तो किसी भी जमीन कुर्क कर ली जाती थी लेकिन आजाद भारत में गांवों के विकास आदि के लिए कुछ स्टेचुरी फंड बनाए गए। चूंकि पंजाब गांव में बसता है इसलिए उनका विकास करने के लिए यह फंड बनाया था और इसका उपयोग करके ग्रामीण विकास दूसरे राज्यों से कहीं अधिक है। हमारी सरकार ने बजट में भी ग्रामीण विकास के लिए फंड रखे। लेकिन केंद्र ने इन्हें रोककर विकास में बाधा पैदा की है ताकि हमारी सरकार फेल हो जाए। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वित्त मंत्री हरपाल चीमा इन फंडों का इंतजाम कर रहे हैं।
जगरूप गिल ने कहा कि पहले भी फंड को रोका गया और सुप्रीम कोर्ट ने 11 अक्टूबर 2005 को आदेश दिया कि स्टेचुरी फंडों को रोकने का अधिकार नहीं है अगर ऐसा करना है तो उसे संसद में पारित करवाना पड़ेगा। इन आदेशों के बाद फंड जारी करने पड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को फेल करने की साजिश के तहत राज्य का फंड रोका जा रहा है।
अकाली विधायक क्या बोले
अकाली विधायक डॉ. सुखविंदर सिंह ने कहा कि मंत्री ने माना कि पिछले 70 सालों में काफी कुछ हुआ है। उन्होंने विधायकों के लिए ऐच्छिक फंड की मांग की और कहा कि आम आदमी पार्टी जब विपक्ष में थी तो यह मांग करती थी अब क्या हुआ, ये सरकार में चुप क्यों हैं। आरडीएफ का पैसा तो मांग रहे हैं लेकिन आपने क्या बदलाव किया है। लोगों के नुमाइंदों को भी पूछें। उन्होंने इस मामले में सरकार का समर्थन किया।
बरिंदर गोयल ने इसे संघीय ढांचे के लिए खतरा बताया और कहा कि पिछली सरकार ने आरडीएफ की आदमनी को गिरवी रखकर कर्ज ले लिया। अगर केंद्र सरकार यह राशि नहीं देगी तो कर्ज कैसे वापिस होगा। मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर मिलने वाली 600 करोड़ रुपए की राशि रोक ली। उन्होंने कहा कि हमारे हर फैसले को लागू करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ रहा है ऐसे में हमें विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना पड़ रहा है।
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