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सरकार व राजभवन में टकरावः राज्यपाल के समर्थन में उतरी भाजपा, शिअद बाेला-पीएयू में हस्तक्षेप ठीक नहीं

Punjab Government Vs Governor पंजाब में सरकार व राजभवन के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है। इस बार पीएयू के वीसी की नियुक्ति पर विवाद हो गया है। राज्यपाल ने पीएयू को हटाने के निर्देश दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Wed, 19 Oct 2022 11:50 AM (IST)
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सीएम भगवंत मान व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की फाइल फोटो।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में राजभवन व सरकार के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है। राज्यपाल द्वारा सरकार को पीएयू के वीसी डा. सतबीर गोसल को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्यपाल ने इस नियुक्ति को गलत बताते हुए कहा कि नियुक्ति बिना उनकी मंजूरी के की गई है।

पंजाब में राजभवन व सरकार के बीच टकराव की स्थिति आम आदमी पार्टी द्वारा भाजपा पर आपरेशन लोटस चलाने के आरोपों के बाद से बनी। राज्य सरकार ने जब 22 सितंबर को विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी मांगी तो राज्यपाल ने पहले मंजूरी देने के बाद इसे बाद में रद कर दिया।

इसके बाद राज्य सरकार व राजभवन आमने-सामने हो गए। सरकार ने फिर 27 सितंबर को विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी मांगी, लेकिन फिर राज्यपाल ने सरकार से पूछा कि वह पहले सत्र में आने वाले एजेंडे के बारे में बताए। एजेंडा बताए जाने के बाद ही राज्यपाल ने सत्र बुलाने की मंजूरी थी। 

आप ने कहा- नियुक्ति नियमों के अनुरूप

कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने राज्यपाल पर पंजाब सरकार के कामकाज में बेवजह दखल देने का आरोप लगाया है। कृषि मंत्री ने कहा कि वीसी की नियुक्ति के दौरान सभी नियमों का पालन किया गया है। राज्यपाल पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल असंवैधानिक कार्रवाई कर रहे हैं और उनके द्वारा पंजाब सरकार को भेजा गया पत्र वास्तव में दिल्ली भाजपा मुख्यालय में तैयार किया गया था।

धालीवाल ने कहा कि राज्यपाल ने सरकार को लिखे अपने पत्र में दावा किया है कि नियुक्ति यूजीसी कानून के तहत नहीं हुई है, हालांकि, पीएयू हरियाणा और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 1970 के अंतर्गत आता है और यूजीसी के अधीन नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई करने से पहले राज्यपाल को विश्वविद्यालय अधिनियम पढ़ना चाहिए था और अगर यह 'अवैध नियुक्ति' है तो उन्हें जवाब देना चाहिए कि लुधियाना विश्वविद्यालय के वीसी का पद पिछले एक साल से क्यों खाली पड़ा था।

सुखबीर बादल बोले- पीएयू में राज्यपाल का हस्तक्षेप ठीक नहीं

पूर्व डिप्टी सीएम व शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि राज्यपाल पीएयू के कामकाज में हस्तक्षेप न करें। बादल ने कहा कि राज्यपाल को नवनियुक्त वीसी डा. सतबीर एस गोसल को हटाने के निर्णय की समीक्षा करनी चाहिए। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि राजभवन और पंजाब सरकार के बीच टकराव राज्य के लिए अच्छा नहीं है।

राज्यपाल के पक्ष में उतरी भाजपा

भाजपा ने आप सरकार की ओर से जानबूझकर राज्यपाल के साथ किए जा रहे टकराव की निंदा की है। भाजपा महासचिव डा. सुभाष शर्मा ने कहा कि आप सरकार जानबूझकर बार-बार अलग-अलग नियुक्तियों में नियमों और प्रावधानों का उल्लंघन करके राज्यपाल पर आरोप मढ़ने का प्रयास कर रही है।

भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल द्वारा राज्यपाल के निर्देश पर उठाई गई उंगली को लेकर कहा ‘क्या नाराज नौकरशाही घोखेबाज आप सरकार को नीचा दिखा रही है’ क्योंकि ऐसा लगता है कि किसी ने कृषि मंत्री को सूचित नहीं किया है कि राज्यपाल पीएयू के चांसलर हैं। पीएयू बोर्ड के वीसी की नियुक्ति के फैसले के लिए उनकी मंजूरी 'अनिवार्य' है।

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मुख्यमंत्री भगवंत मान जानबूझकर राज्यपाल कार्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा एक पखवाड़े के भीतर यह दूसरी घटना है जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल को अपमानित करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

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