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Punjab Bye-Election: सांसदों की पत्नियों को टिकट देकर उलझी कांग्रेस, उल्टी पड़ रही अपनी ही रणनीति

विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की रणनीति उल्टी पड़ती दिख रही है। सांसदों की पत्नियों को टिकट देकर पार्टी खुद ही उलझ गई है। गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक सीट पर ही कांग्रेस का चुनाव प्रचार दिख रहा है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी चारों सीटों पर जोर लगा रही हैं। उपचुनाव में कांग्रेस की साख सबसे अधिक दांव पर है।

By Kailash Nath Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 11 Nov 2024 08:27 AM (IST)
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सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रताप सिंह बाजवा, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग l फाइल फोटो
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। विधानसभा की चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर पार्टियों का प्रचार अपने चरम पर पहुंचने लगा है। लोकसभा चुनाव में 13 में से 7 सीटों पर जीत हासिल कर सभी राजनीतिक पार्टियों को मात देने वाली कांग्रेस उपचुनाव में दो सांसदों की पत्नियों को टिकट देकर जीत की जो रणनीति बनाई, पार्टी उसी में उलझती जा रही है। कांग्रेस का चुनाव प्रचार गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक सीट पर ही दिखाई दे रहा है।

चारों सीटों पर जोर लगा रही AAP

दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी चारों ही सीटों पर पूरा जोर लगा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन सीटों पर सक्रिय हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी बरनाला और गिद्दड़बाहा पर जोर लगा रही है।

उपचुनाव में कांग्रेस की साख दांव पर

उपचुनाव में कांग्रेस की साख सबसे अधिक दांव पर है क्योंकि जिन चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, इनमें से तीन गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल पर कांग्रेस काबिज थी। इस बार गिद्दड़बाहा सीट पर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान व लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की पत्नी अमृता कौर प्रत्याशी हैं।

डेरा बाबा नानक से रंधावा की पत्नी मैदान में

डेरा बाबा नानक से पूर्व उपमुख्यमंत्री व गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर रंधावा चुनाव मैदान में हैं। वैसे तो प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी सभी सीटों पर चुनाव प्रचार की बनती है लेकिन गिद्दड़बाहा में मुकाबला त्रिकोणीय होने के कारण वड़िंग पत्नी के चुनाव प्रचार को छोड़ कर निकल नहीं पा रहे हैं।

वड़िंग के लिए चुनाव जीतने बेहद जरूरी

वड़िंग के लिए यह चुनाव जीतना बेहद जरूरी है क्योंकि वे इसी सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। सांसद बनने के बाद राजा वड़िंग 2027 में मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल है। इसलिए वह हर-हाल में अपनी पत्नी को जिताने में जुटे हुए हैं। 

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...तब तय था रंधावा का सीएम बनना

यही स्थिति सुखजिंदर रंधावा की है। उप मुख्यमंत्री रह चुके रंधावा भी मुख्यमंत्री बनने की कतार में शामिल हैं। 2021 में जब कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाया था तब रंधावा का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय था।

यहां तक कि उन्हें मुख्यमंत्री वाली सुरक्षा भी मिल गई थी लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया था। वड़िंग के मुकाबले रंधावा की स्थिति बेहतर नजर आ रही है। रंधावा लोकसभा चुनाव में डेरा बाबा नानक सीट से 48,198 वोट लेकर पहले नंबर पर रहे थे।

उपचुनाव में सक्रिय नहीं है चन्नी

हालांकि रंधावा भी अपनी पत्नी की जीत सुनिश्चित करने के लिए इसी सीट पर उलझ कर रह गए हैं। दो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की साख की लड़ाई में सबसे बड़ा लाभ विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री बनने के तीसरे प्रबल दावेदार प्रताप सिंह बाजवा को मिल रहा है।

वह प्रचार के अलावा धान खरीद के संकट को लेकर किसानों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी जोकि अभी तक उपचुनाव में सक्रिय नहीं थे वे रविवार को बरनाला में चुनाव प्रचार करते नजर आए।

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