Punjab Politics: 'पार्टी से बर्खास्त लोग कैसे उठा सकते हैं उंगली, खरगे की रैली को फ्लॉप बताने वालों को Congress का जवाब
रविवार को कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों व दो हलका प्रभारियों समेत कई कांग्रेस नेताओं ने समराला में हुई रैली को फ्लॉप बताया और पार्टी हाईकमान को पत्र लिखने के मामले में कांग्रेस आक्रामक नजर आ रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। वड़िंग बोले जिन नेताओं को पार्टी ने निकाल दिया वह सवाल कैसे उठा सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों और दो हलका प्रभारियों समेत कई कांग्रेस नेताओं ने रविवार को समराला में हुई रैली को फ्लाप बताते और पार्टी हाईकमान को पत्र लिखने के मामले में कांग्रेस आक्रामक नजर आ रही है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। वहीं, पार्टी के संगठन महामंत्री कैप्टन संदीप संधू का कहना है, जिन नेताओं को पार्टी ने पहले ही निकाल दिया है वह सवाल कैसे उठा सकते है। जब वह कांग्रेसी नहीं तो पार्टी हाईकमान को पत्र लिखने का कोई औचित्य ही नहीं है।
ये लोग थे खरगे की रैली में शामिल
बता दें कि पूर्व विधायक महेश इंदर सिंह निहाल सिंह वाला, सुरजीत सिंह धीमान, निर्मल सिंह शुतराना, नाजर सिंह मानशाहिया, जगदेव सिंह कमालू व पिरमल सिंह भदौड़ और गुरु हरसहाय हलके के प्रभारी विजय कालरा, बठिंडा देहाती हलके के प्रभारी हरविंदर सिंह लाडी, कांग्रेस नेता बंटी विश्वनाथ होशियारपुर व राजवीर राजा मेहराज ने एक पत्र लिख कर कहा था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की रैली में जितने लोग थे, उससे ज्यादा तो नवजोत सिंह सिद्धू की रैली में शामिल होते है।अहम बात यह है कि कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखने वालों में अधिकांश नाम वह हैं तो नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी है। इसे लेकर पंजाब कांग्रेस सजग नजर आ रही है।
विजय कालड़ा ने ये कहा
महेश इंदर सिंह निहालवाला, सुरजीत धीमान, पिरमल सिंह व हरविंदर लाडी आदि को कांग्रेस ने पहले ही पार्टी से निष्कासित किया हुआ है। ऐसे लोग पार्टी पर उंगली नहीं उठा सकते है। साथ ही उन्होंने कहा कि पत्र पर न तो मानशाहिया और न ही विजय कालड़ा ने साइन किए है।वहीं, विजय कालड़ा का कहना है, पत्र लिखा या नहीं लिखा गया इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस की कन्वेंशन में नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं बुलाया गया। इससे पार्टी को नुकसान होता है। सिद्धू के साथ बैठक करने वाले लाल सिंह व शमशेर सिंह दूलो को बुला जा सकता है तो सिद्धू को भी बुलाया जा सकता है।
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