Punjab: 'आप' के साथ गठबंधन के नफे नुकसान को लेकर कांग्रेस करेगी मंथन, राजा वड़िंग ने बुलाई विधायकों की बैठक
I.N.D.I.A के घटक दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच प्रदेश में संभावित गठजोड़ को लेकर कांग्रेस के नेता मंगलवार को मंथन करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने विधायकों और पिछला विधानसभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है। बैठक में प्रस्ताव आ सकता है कि पार्टी हाईकमान से कहा जाए कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ समझौता नहीं होना चाहिए।
चंडीगढ़, कैलाश नाथ। Congress And AAP Alliance In Punjab इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के घटक दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच संभावित गठजोड़ को लेकर पंजाब कांग्रेस के नेता मंथन करेंगे। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग (Raja Warring) ने मंगलवार को कांग्रेस के विधायक व विधानसभा के चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है।
हालांकि, कांग्रेस इसे रुटीन बैठक ही बता रही है। लेकिन माना जा रहा है कि इस बैठक में प्रस्ताव आ सकता है कि पार्टी हाईकमान से कहा जाए कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ समझौता नहीं होना चाहिए। पंजाब कांग्रेस के नेता आप के साथ समझौते के हक में नहीं हैं।
बता दें कि कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन पार्टी नेताओं को पता है कि अंत में इसका फैसला पार्टी हाईकमान को ही लेना है। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को होने वाली बैठक में एक बार फिर इस बात को लेकर मंथन होगा कि अगर समझौता होता है तो कांग्रेस को क्या लाभ और हानि होगी।
क्या कांग्रेस को होगा AAP से नुकसान?
कांग्रेस का एक वर्ग अभी भी मान रहा है कि यह समझौता संभव नहीं है। कांग्रेस यह मान रही है कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में जो चुनाव होने हैं वहां पर पार्टी अच्छी स्थिति में रहेगी। अगर ऐसा होता है तो इसका असर पंजाब पर भी पड़ेगा। कांग्रेस की चिंता का कारण यह भी है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता में है। ऐसी स्थिति में अगर पंजाब में दोनों पार्टियों का समझौता होता है को आगे चल कर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जैसा की दिल्ली में हुआ।
कांग्रेस के सामने सीटों को लेकर भी कई सवाल
पार्टी के सामने यह भी चिंता है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता का झुकाव आप की तरफ बढ़ सकता है। यही कारण है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह मान रहे हैं कि पंजाब में आप के साथ समझौता न हो। क्योंकि अगर ऐसा होता है तो 92 विधायक होने और सरकार में होने के कारण कांग्रेस को ज्यादा सीटें नहीं मिलेगी। बैठक में इन्हीं सारे विषयों पर चर्चा संभव है।
बता दें कि इससे पहले जब दिल्ली में अधिकारियों के तबादला-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लेकर आया गया था तब भी पंजाब कांग्रेस के नेता इस बात के हक में नहीं थे कि पार्टी इस अध्यादेश का विरोध करे। हालांकि, हाईकमान के सामने उनकी एक नहीं चली। कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध किया। कांग्रेस इस बार भी पार्टी हाईकमान को यह संदेश दे देना चाहती है कि वह समझौते के हक में नहीं है।