रंग लाई मुहिम! चंडीगढ़ में छह साल बाद होगी पेड़ों की गणना, हरियाली बढ़ाने के लिए भी बनेगा प्लान
चंडीगढ़ नगर निगम ने पेड़ों की गणना का फैसला लिया है। इससे पहले साल 2016 में पेड़ों की गणना हुई थी। नगर निगम के फैसले से पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। हरियाली के लिए भी खास प्लान बनाया जाएगा।
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता। दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए अभियान से प्रभावित होकर बुधवार को नगर निगम कमिश्नर आनिंदिता मित्रा ने बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें शहर की हरियाली को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि शहर के पेड़ों की गणना एक बार फिर से करवाई जाएगी।
इससे पहले साल 2016 में गणना हुई थी। इसके बाद गणना नहीं हुई। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि जब पौधारोपण हर साल होता है तो पेड़ों की गणना भी हर साल होनी चाहिए। कमिश्नर ने विभाग के अधिकारियों को हरियाली बढ़ाने का प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है।
गणना क्यों जरूरी है
इस बार पेड़ों की गणना के दौरान पेड़ किस किस्म का है और उसकी क्या विशेषताएं हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी। सात साल पहले जो गणना हुई थी उसमें यह पता लगा था कि शहर में एक लाख 85 हजार पेड़ हैं। इनमें से एक लाख 65 हजार पेड़ ऐसे हैं जो नगर निगम के तहत हैं, जबकि 21 हजार पेड़ प्रशासन के पास हैं, जबकि अब नई गणना में पेड़ों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
अभी तक नगर निगम के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि शहर में किस किस्म के कितने पेड़ हैं। बैठक में अधिकारियों ने इस बात पर चर्चा की कि दीमक और अन्य बीमारियों का जल्द पता लगाने के लिए कर्मचारियों को वन अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षित करवाया गया है।
क्या बोलीं निगम कमिश्नर
नगर निगम की कमिश्नर आनिंदिता मित्रा ने कहा कि पेड़ों की गणना जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले साल 2016 में गणना हुई थी। इस बार की गणना पिछली बार से अलग होगी। इसमें नई जानकारियां जुटाई जाएंगी। गणना में सड़कों के अनुसार पेड़ों की संख्या, उनकी किस्म और अन्य विशेषताओं को भी शामिल किया जाएगा। समय-समय पर शहर की हरियाली के लिए वन अनुसंधान संस्थान से भी मदद ली जाती है।