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Chandigarh News: 'देश की सुरक्षा सर्वोपरि, सीमा के पास खनन पर निर्णय ले रक्षा मंत्रालय'; HC ने केंद्र सरकार को दिए निर्देश

Chandigarh News सीमा के पास खनन को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को इस मुद्दे पर निर्णय लेने को कहा है। अगली सुनवाई पर अदालत को मंत्रालय सूचित करेगा कि किस प्रकार और कितने क्षेत्र में वैध खनन की अनुमति दी जा सकती है। केंद्र सरकार ने इस बाबत जवाब देने के लिए चार सप्ताह की समय की मांग की।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Wed, 13 Dec 2023 04:17 PM (IST)
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HC ने केंद्र सरकार को दिए निर्देश
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सीमा के निकट खनन को लेकर स्पष्ट कर दिया कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस क्षेत्र में खनन को लेकर निर्णय रक्षा मंत्रालय ही लेगा। अगली सुनवाई पर अदालत को मंत्रालय सूचित करेगा कि किस प्रकार और कितने क्षेत्र में वैध खनन की अनुमति दी जा सकती है। केंद्र सरकार ने इस बाबत जवाब देने के लिए चार सप्ताह की समय की मांग की।

पंजाब में अवैध खनन का कार्य जोरों पर चल रहा

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बताया कि उनको जानकारी मिली है कि सीमावर्ती क्षेत्र में 500 करोड़ का नशा पकड़ा गया है जो चिंता का गंभीर विषय है। इस मामले में चंडीगढ़ निवासी गुरबीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पंजाब में अवैध खनन का कार्य जोरों पर चल रहा है।

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पंजाब सरकार को हर वर्ष लगभग 10 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही अवैध खनन करते हुए नियमों और मानकों को ताक पर रख दिया जाता है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि प्राकृतिक आपदा का भय भी बढ़ जाता है।

HC ने रक्षा मंत्रालय को वैध खनन को लेकर जवाब दाखिल करने का दिया आदेश

हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर अवैध खनन रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में पंजाब पीने के पानी को तरस जाएगा। सुनवाई के दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल करते हुए बताया कि खनन राज्य का विषय है लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सीमा के 20 किलोमीटर क्षेत्र में खनन से पूर्व उनसे परामर्श आवश्यक है। इस जानकारी पर हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को वैध खनन को लेकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

बीएसएफ व सेना उठा चुकी है सवाल

बीएसएफ और सेना इससे पहले हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कह चुकी है कि अवैध खनन के चलते सीमा के आस-पास गड्ढे बन गए हैं। इन गड्ढों के चलते रावी नदी अपनी दिशा बदल रही है। ऐसा होने से सीमा पर की गई तारबंदी के लिए बड़ा खतरा पैदा हो रहा है।

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इसके साथ ही यह गड्ढे आतंकवादियों व असामाजिक तत्वों के लिए पनाहगार साबित हो रहे हैं। खनन दिन-रात होने के चलते हर तरफ शोर रहता है और इस शोर का फायदा उठा कर ड्रोन सीमा सीमा पर करवाए जाते हैं और इससे नशा और हथियार भारत भेजे जाते हैं।

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