Cyber Fraud: 2 साल में ठगी के 125 करोड़ रुपये चीन पहुंचाए, गैंग के मास्टरमाइंड वान चेंगुआ के चौंकाने वाले खुलासे
गैंग का मास्टमाइंड वान चेंगुआ ने दिल्ली एनसीआर बिहार राजस्थान उत्तर प्रदेश के नोएडा समेत अन्य राज्यों में अलग-अलग कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाया था। ये कंपनियां सिर्फ कागजों में ही है जबकि इनका कोई दफ्तर या फर्म नहीं है।
By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 08:28 AM (IST)
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़। पड़ोसी देश चीन से आपरेट हो रहे साइबर क्रिमिनल गैंग के 21 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद लोगों के साथ ठगी की परतें खुलती जा रही हैं। वर्क परमिट वीजा पर भारत आए गिरोह के सरगना चीन के वान चेंगुआ ने चाइनीज एप के जरिये तुरंत लोन देने के नाम पर ठगी का जाल देश के कई राज्यों में फैलाया हुआ था। भारत में परवेज आलम उर्फ जीतू भड़ाना को नौकरी देकर 10 राज्यों में 60 सदस्यों की टीम बना रखी थी।
परवेज को अपनी फर्जी कंपनी में नौकरी देकर दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, बिहार, झारखंड समेत अन्य राज्यों में फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड करवाई थी। इसके बाद चीन से सामान खरीदने और पैमेंट करने के बहान ठगी के पैसे चीन भेजे जाते थे। गिरोह के सदस्य एप पर लोन का आवेदन करने वालों की अश्लील तस्वीर और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते थे। दो साल से इस तरह 125 करोड़ रुपये चीन भेजे जा चुके हैं। चंडीगढ़ साइबर पुलिस ने पांच राज्यों से 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाकी की तलाश जारी है।
कुक बनकर भारत आया, 10 राज्यों में फैलाया गिरोह
साल 2019 में चीन से एक कंट्रक्शन कंपनी के जरिये वान चेंगुआ वर्क परमिट वीजा पर कुक बनकर भारत में आया था। उसने दिल्ली के एक पीसी फाइनेंस कंपनी में नौकरी की। यह कंपनी लोगों को तत्काल, बिना वेरीफिकेशन लोन देती थी। कंपनी पर भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन और केवाइसी फालो नहीं करने का आरोप लगा था। इसकी जांच कर आरबीआइ ने फरवरी 2022 में कंपनी को बंद करवा दिया। इसके बाद आरोपित वान चेंगुआ ने एप बनाकर गिरोह बनाना शुरू कर दिया। जरुरतमंद लोगों को अच्छी सैलरी देने का झांसा देकर अपनी कंपनी में शामिल कर लेता था। इन्हीं से लोगों को लोन के नाम पर फंसाने, अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर वसूली करवाने का धंधा चलाता था।
इस तरह चीन पहुंचा हवाले का 100 करोड़, अब ईडी करेगी जांच
गैंग का मास्टमाइंड वान चेंगुआ ने दिल्ली, एनसीआर, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के नोएडा समेत अन्य राज्यों में अलग-अलग कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाया था। ये कंपनियां सिर्फ कागजों में ही है, जबकि इनका कोई दफ्तर या फर्म नहीं है। इन्हीं कंपनी में शातिर सदस्यों को नौकरी पर रखता और उन्हें घर से काम करने की छूट देता था। अपनी विभिन्न फर्जी कंपनियों में चीन से सामान खरीदने के बाद पेमेंट करने के बहाने हवाला के जरिये पैसा वहां भेजता था। इसमें पैसा देने वाले एजेंट का भी मुनाफा 20 फीसद निर्धारित था। इस मामले की जांच के लिए पूरी रिपोर्ट बनाकर साइबर पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा है।
इस तरह चलता गिरोह, 21 गिरफ्तार 39 की तलाश एसपी साइबर केतन बंसल के निर्देशन में टीम 10 दिन की छापेमारी में पांच राज्यों से चीन और भारत के सगरना समेत 21 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है और अभी 39 की तलाश में लगी है। आरोपितों से 17.31 लाख नकदी, 41 मोबाइल, नौ लैपटाप, एक कंप्यूटर समेत वान का एक एक्सपायर पासपोर्ट बरामद हुआ हैं। चीनी सर्वर से संचालित मोबाइल एप्लिकेशन ह्यूगो लोन, कैश-फ्री, फ्लाई कैश, कैश क्वाइन पर तत्काल लोन का आवेदन करने वालों को फंसाकर अश्लील वीडियो बना लेते थे। बाद में उन्हें ब्लैकमेल कर पैसे वसूलते थे।
----"अभी तक की जांच में विभिन्न राज्यों में रजिस्टर्ड फर्जी कंपनी में सामान की खरीद-फरोख्त दिखाकर हवाला के माध्यम से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा चीन भेजने की बात सामने आई है। वहीं, इस मामले की रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय को भी भेजी गई। इसमें आगे कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। -केतन बंसल, एसपी साइबर, चंडीगढ़।
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