दिल्ली बम ब्लास्ट केस के दोषी भुल्लर को पंजाब HC से भी नहीं राहत, प्री-मैच्योर रिहाई स्थगित; 4 जनवरी को अगली सुनवाई तय
दिल्ली बम ब्लास्ट केस के आरोपित देवेंदर पाल सिंह भुल्लकर की प्री-मैच्योर रिहाई को हाई कोर्ट ने स्थगित कर दिया है। हाई कोर्ट ने भुल्लर के वकील से पूछा घटना दिल्ली की है और सजा भी दिल्ली की अदालत ने दी तो यह याचिका इस हाई कोर्ट में मेंटेनेबल कैसे है। कोर्ट ने कहा कि अगर इस बाबत कोई कानून है तो चार जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी।
By Dayanand SharmaEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 02:29 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। 1993 के दिल्ली बम विस्फोटों के दोषी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर द्वारा प्री-मैच्योर रिहाई की याचिका पर दिल्ली सरकार के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी सवाल खड़े कर दिए है। हाई कोर्ट ने भुल्लर के वकील से पूछा घटना दिल्ली की है और सजा भी दिल्ली की अदालत ने दी, तो यह याचिका इस हाई कोर्ट में मेंटेनेबल कैसे है। कोर्ट ने कहा कि अगर इस बाबत कोई कानून है तो चार जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी।
भुल्लर को दिल्ली हाई कोर्ट में दायर करनी चाहिए थी याचिका- वकील
इससे पहले हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि ऐसी याचिका भुल्लर को दिल्ली हाई कोर्ट में दायर करनी चाहिए थी न कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में। दिल्ली सरकार के अनुसार सजा दिल्ली में दी गई थी इसलिए याचिका वहीं दायर होनी चाहिए थी। हालांकि, इस मामले में भुल्लर के वकील ने कहा कि याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट समक्ष दायर की गई थी क्योंकि भुल्लर वर्तमान में पंजाब की एक जेल में बंद है।
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आगे की बहस के लिए स्थगित मामला
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने मामले में आगे की बहस के लिए स्थगित कर दिया है। इससे पहले 16 अगस्त को, डीलिंग असिस्टेंट रविंद्र सिंह बिष्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली और सजा समीक्षा बोर्ड के लिए हाई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर जानकारी दी थी कि याचिकाकर्ता की समयपूर्व रिहाई का मामला बोर्ड के समक्ष लंबित है बोर्ड चार सप्ताह की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता के मामले का फैसला करेगा।
भुल्लर ने हाई कोर्ट से यह किया आग्रह
इस मामले में भुल्लर ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल कर कहा है कि वह पिछले 27 सालों से जेल में है और नियमों के अनुसार उसका 14 वर्ष जेल में रहना अनिवार्य है और सजा माफी के लिए 20 वर्ष कैद में रहना जरुरी है और वह तो पिछले 27 वर्षों से जेल में है और उसकी सजा माफी की अर्जी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसलिए अब भुल्लर ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि उसे प्री-मैच्योर रिहाई के सरकार को आदेश जारी करे।वर्ष 2011 में सुनाई गई थी सजा
दविंदर पाल सिंह भुल्लर को वर्ष 1993 में दिल्ली में हुए बम धमाके के लिए वर्ष 2011 में मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में देरी, स्वास्थ्य कारणों के चलते,सिख संगठनों व एसजीपीसी के प्रयासों के बाद भुल्लर की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था। भुल्लर पहले तिहाड़ जेल में बंद था लेकिनस्वास्थ्य कारणों से एक विशेष व्यवस्था के तहत उसे 2015 में ही पंजाब की अमृतसर जेल में भेज दिया गया था।
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