पंजाब में सख्ती के बाद भी नहीं थम रहीं पराली जलाने की घटनाएं, कुल 2466 मामले, 1473 FIR; 2 SHO पर कार्रवाई
पंजाब में पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे हैं। बुधवार को राज्य में पराली जलाने के 110 नए मामले सामने आए। अब तक कुल 2466 मामले सामने आ चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं जारी हैं। प्रशासन की ओर से कार्रवाई भी की जा रही है। अब तक 1473 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। राज्य में बुधवार को पराली जलाने के 110 नए मामले सामने आए। अब तक कुल 2466 मामले सामने आ चुके हैं। 25 अक्टूबर तक रोजाना रिपोर्ट हो रहे मामले 100 से कम आ रहे थे, लेकिन पिछले पांच दिन से पराली जलाने के मामले 100 से ऊपर आ रहे हैं।
मंगलवार को राज्य में पराली जलाने के इस सीजन के सबसे ज्यादा 219 मामले सामने आए थे। उधर, पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन की कार्रवाई भी जारी है।
अब तक कुल 1473 एफआइआर भी दर्ज की जा चुकी है। 754 मामलों में 20.25 लाख रुपये जुर्माना किया गया है। जुर्माने के 17.47 लाख रुपये वसूले भी जा चुके हैं। 751 किसानों की जमीनों की रेड एंट्री भी की गई है।
दो SHO सहित पांच अधिकारियों पर कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब सरकार ने पराली जलाने के मामले को लेकर कार्रवाई तेज कर दी है। बुधवार को गुरदासपुर के डीसी उमा शंकर गुप्ता ने पराली जलाने से रोकेने में लापरवाही बरतने वाले दो एसएचओ गगनदीप सिंह व सुखविंदर सिंह, दो नोडल अधिकारियों दलजीत सिंह व जसपाल सिंह तथा जेई सुनील कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आदेश दिए हैं।
जांच के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी। तीन नंबरदारों मुख्तयार सिंह, भजन सिंह और बलराज सिंह को भी तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अब तक कुल 1473 एफआइआर भी दर्ज की जा चुकी है। 754 मामलों में 20.25 लाख रुपये जुर्माना भी किया गया है।
इसमें 17.47 लाख रुपये वसूले भी जा चुके हैं। 751 किसानों की जमीनों की रेड एंट्री भी की गई है। बुधवार को भी राज्य में पराली जलाने के 110 नए मामले सामने आए। अब तक कुल 2466 मामले सामने आ चुके हैं। 25 अक्टूबर तक रोजाना रिपोर्ट हो रहे मामले 100 से कम आ रहे थे, लेकिन पिछले पांच दिन से पराली जलाने के मामले 100 से ऊपर आ रहे हैं।
मंगलवार को राज्य में पराली जलाने के इस सीजन के सबसे ज्यादा 219 मामले सामने आए थे। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के चेयरमैन ने कहा कि किसानों को पराली के निस्तारण के लिए भी मशीनरी उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके बावजूद जो किसान पराली जला रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई जा रही है।
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