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'वारिस पंजाब दे' के कैशियर गुरप्रीत सिंह हत्याकांड में सांसद अमृतपाल का हाथ, पंजाब के डीजीपी ने किया खुलासा

फरीदकोट में वारिस पंजाब दे के पूर्व खजांची गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में पंजाब पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। डीजीपी गौरव यादव ने खुलासा किया है कि इस हत्याकांड में खडूर साहिब के सांसद और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की भूमिका सामने आई है। वहीं इस हत्याकांड को अंजाम देने का मास्टरमाइंड आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला है।

By Rohit Kumar Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 18 Oct 2024 08:06 PM (IST)
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वारिस पंजाब दे के पूर्व खजांची की हत्या में अमृतपाल सिंह की भूमिका का खुलासा हुआ है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। फरीदकोट में 9 अक्टूबर को 'वारिस पंजाब दे' के पूर्व खजांची गुरप्रीत सिंह उर्फ हरी नौ की गोली मार कर की गई हत्या के मामले को पंजाब पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है।

डीजीपी गौरव यादव का कहना हैं कि गुरप्रीत की हत्या के मामले में खडूर साहिब के सांसद सदस्य और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह की भूमिका सामने आई है। जबकि हत्याकांड को अंजाम देने का मास्टरमाइंड आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला है।

3 आरोपितों में किया गया गिरफ्तार

इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। डीजीपी ने कहा कि तथ्यों के आधार पर इस मामले की जांच की जा रही है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपितों के निशाने पर कई और लोगों भी थे।

निशाने पर कौन-कौन थे इसकी जांच जारी है। इस मामले में तीन आरोपितों बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरमरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू को गिरफ्तार किया गया है।

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शूटरों की पहचान कर ली गई है: डीजीपी

मृतक गुरप्रीत सिंह वारिस पंजाब के 9 फाउंडर सदस्यों में से एक था। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल को जब वारिस पंजाब की कमान सौंपी गई तो गुरप्रीत सिंह व अमृतपाल में मतभेद पैदा हो गए। गुरप्रीत सिंह ने अमृतपाल के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर कई पोस्ट डाली, जिसके बाद उसे धमकियां मिलनी शुरू हो गई।

हत्या को अंजाम देने के लिए विदेश से डल्ला ने अलग-अलग मॉड्यूल का इस्तेमाल कर गुरप्रीत की रेकी की। रेकी का सारा जिम्मा कनाडा में बैठा करमवीर उर्फ गोरा संभाल रहा था। रेकी मॉड्यूल ने अपने हैंडलर और कटआउस के जरिए शूटरों को गुरप्रीत के बारे में जानकारी दी। डीजीपी ने बताया कि शूटरों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

डीजीपी बोले नहीं होने देंगे राज्य का माहौल खराब

डीजीपी ने बताया कि इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए जमीनी और डिजिटल तरीके से काम कर सबूत एकत्रित किए गए। हत्या वाली जगह से 125 किलोमीटर तक सीसीटीवी की जांच की गई। हमलावर कहां से आए और कहां गए। इसका पूरा ब्योरा एकत्रित किया गया है।

मोबाइल डाटा और डंप डाटा एकत्रित किया गया। यादव ने कहा कि राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन ऐसा किसी को करने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होगी। इस दौरान आईजी मुख्यालय डॉ. सुखचैन सिंह गिल के अलावा कई अधिकारी मौजूद थे।

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