डायरी से हुआ पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार के दो पूर्व मंत्रियों के भ्रष्टाचार का खुलासा, हर चीज के थे रेट तय
पंजाब में वन विभाग में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। मामले में पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक और पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां भी आरोपित हैं। इनके भ्रष्टाचार का खुलासा डायरी से हुआ है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Wed, 08 Jun 2022 10:04 AM (IST)
रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों साधू सिंह धर्मसोत, संगत सिंह गिलजियां सहित नौ पर विजिलेंस ब्यूरो ने मामला दर्ज किया है। मंत्रियों के अलावा उनके पीए, वन विभाग के अधिकारियों और वेब चैनल चलाने वाले एक पत्रकार को आरोपित बनाया गया है। आरोपित साधू सिंह धर्मसोत, कमलजीत सिंह, चमकौर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत, संगत सिंह व अन्य आरोपितों के भ्रष्टाचार का खुलासा एक डायरी से हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो के हाथ एक डायरी लगी जिसमें सभी को दिए जाने वाले रिश्वत के पैसों का लेने-देन लिखा था। यह डायरी विजिलेंस ब्यूरो की ओर से मामले में गिरफ्तार किए गए जंगलात विभाग के ठेकेदार हरमोहिंदर की निशानदेही पर उसके घर से बरामद की।
रिश्वत के पैसों को वसूलने के लिए एक पूरा मैन्युकार्ड बना रखा था, जिसमें पोस्टिंग से लेकर ट्रांसफर और पेड़ों की कटाई हर काम के पैसे तय थे। हर काम का अलग रेट फिक्स था। ध्यान रहे कि हरमोहिंदर सिंह को पिछले हफ्ते विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था।
यह पता चला डायरी से विजिलेंस ब्यूरो कोहरमोहिंदर सिंह पिछले 10 साल से खैर के पेड़ों की कटाई का ठेकेदार है। हरमोहिंदर सिंह अलग-अलग ठेकेदारों के साथ काम करता था, लेकिन पांच साल से फर्म गुरहर एसोसिएट के नाम पर ठेकेदारी कर रहा है। अक्टूबर से मार्च महीने तक खैर के पेड़ों की कटाई का काम किया जाता है।
कटाई के लिए जंगलात विभाग से परमिट लिया जाता है। आरोप है कि प्रति पेड़ 500 रुपये पूर्व मंत्री साधू सिंह, 200 रुपये वन मंडल अफसर, 100 रुपये रेंज अफसर, 100 रुपये ब्लाक अफसर और 100 रुपये वन मंडल गार्ड को दिए जाते थे।यह रिश्वत की रकम प्रति पेड़ एक हजार रुपये बनती थी। सात हजार पेड़ों की 70 लाख रुपये रिश्वत हर सीजन में देनी होती थी। डायरी से पता चला है कि करीब 15 ठेकेदार और हैं जो इसी तरह रिश्वत देते हैं।
अधिकारियों की बदली के लिए डिवीजन के मुताबिक रिश्वतयह भी आरोप है कि पूर्व मंत्री साधू सिंह डीएफएसओ के स्तर की बदली के लिए 10 से 20 लाख रुपये डिवीजन के हिसाब से लेते थे। रेंजर का 5 से 8 लाख रुपये, ब्लाक अफसर का तकरीबन 5 लाख रुपये और गार्ड का दो से तीन लाख रुपये लिया जाता था।अमित चौहान रूपनगर में वन मंडल अफसर तैनात रहा है। इस दौरान बडियाली कलां सब डिवीजन आनंदपुर साहिब में 1160 पेड़ों की कटाई का परमिट पास किया। इसके बदले 5,80,000 रुपये रिश्वत ली। चौहान पर पंचायत को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इसके अलाव मंत्री को नाजायज माइनिंग भी करवाई।
ट्री गार्ड खरीदने में गिलजियां पर ये हैं आरोपडायरी से खुलासा हुआ है पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां ने ट्री गार्ड खरीदने में रिश्वत का पैसा खाया। ट्री गार्ड खरीदने के लिए संगत सिंह ने राज्य के सभी डीएफओ को कहा कि सचिन कुमार से ट्री गार्ड सप्लाई किए जाएंगे। एक ट्री गार्ड की कीमत 2800 रुपये रखी गई। 800 रुपये प्रति ट्री गार्ड रिश्वत के तौर पर लिए गए। पूरे पंजाब में 80 हजार ट्री गार्ड खरीदे गए, जिसमें 6 करोड़ 40 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर संगत सिंह गिलजियां को देने के आरोप हैं।
पौध से लेकर कंटीली तार की खरीद में रिश्वतखोरीयह भी आरोप हैं कि पंजाब नए पौधारोपण के लिए खरीदने जाने वाले पौधों और कंटीली तार में भी रिश्वत ली जाती थी। किसी जानकार ठेकेदार के पास से पौधे खरीदे जाते थे। उसके बाद 20 फीसद कमीशन ठेकेदार को छोड़कर बाकी का हिस्सा ठेकेदार से ले लिया जाता था। इसी तरह से कंटीली तार की खरीद में भी इस तरह से घपलेबाजी की जाती थी।
किसकी क्या भूमिका
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत पर ओएसडी चमकौर सिंह और कमलजीत सिंह के जरिए रिश्वत के पैसे लेने का आरोप है। करमजीत सिंह को पंजाब पुलिस से सुरक्षा हासिल है। वह शिव सेना का अध्यक्ष है।
- अमित चौहान आइएफएस: ठेकेदारों के साथ मिलकर पेड़ों की कटाई और अवैध माइनिंग करवाने का आरोप।
- संगत सिंह गिलजियां, पीए कुलविंदर सिंह के जरिए रिश्वत के पैसे लेने का आरोप। सचिन कुमार ठेकेदार से ट्री गार्ड खरीदने के लिए सभी डीएफओ को निर्देश देने का आरोप। बाद में ट्री गार्ड की कमिशन सचिन से ली गई।
- गुरअमनप्रीत सिंह वन मंडल अफसर, दिलप्रीत सिंह वन गार्ड पर रिश्वत के पैसे लेने का आरोप।