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Punjab Congress Dispute: पंजाब कैबिनेट बैठक पर कलह हावी, 32 में से सिर्फ 2 एजेंडा हुआ पास, छह मंत्री मुश्किल से हुए शामिल

Punjab Congress Dispute पंजाब कांग्रेस की कलह राज्‍य कैबिनेट की बैठक पर भी हावी रही। कैबिनेट की बैठक का सीधा असर पड़ा और तय 32 एजेंडे में से सिर्फ दो एजेंडे ही पेश और पास हुए। बैठक में छह मंत्री नहीं आए तो उनको बुलाना पड़ा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 03 Jun 2021 08:34 AM (IST)
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पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।
चंडीगढ़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। Punjab Congress Dispute: पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह का असर बुधवार को कैबिनेट बैठक में साफ तौर पर देखने को मिला। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका था जब बैठक में 32 एजेंडे रखे गए लेकिन 2 एजेंडा पास करने के बाद बैठक खत्म हो गई। छह नाराज मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए तो उन्हें बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा गया। सूत्रों के अनुसार, एक नाराज मंत्री ने तो यह भी कह दिया कि पहले विवाद सुलझा लेते हैं, बैठक तो बाद में भी हो जाएगी।

नाराज छह मंत्री कैबिनेट बैठक में नहीं हुए शामिल, बुलावा भेज बुलाए गए

बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इसमें छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी के लिए पेश किया जाना था। इसके अलावा विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे को डीएसपी तो विधायक राकेश पांडे के बेटे को तहसीलदार लगाए जाने के लिए एजेंडा पारित किया जाना था, लेकिन ये दोनों एजेंडे बैठक में नहीं रखे जा सके।

न वेतन आयोग की रिपोर्ट आई, न विधायकों के बेटों को नौकरी देने का एजेंडा हुआ पास

वर्चुअल तौर पर हुई इस बैठक में मंत्रियों की नाराजगी का असर साफ तौर पर दिखाई दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे ही बैठक में शामिल हुए तो उन्होंने बैठक के कोरम के बारे में पूछा। इसके बाद मुख्‍य सचिव विनी महाजन ने उन्हें बताया कि सभी मंत्री बैठक में मौजूद नहीं हैं। इसके बाद जब कैप्टन ने मंत्रियों के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया है कि आठ मंत्री पंजाब भवन दिल्ली में हैं।

एक नाराज मंत्री ने कहा, पहले विवाद सुलझा लें, बैठक तो बाद में भी हो जाएगी

सूत्रों के अनुसार इन आठ में से दो मंत्री विजय इंद्र सिंगला और बलबीर सिद्धू तो कैबिनेट बैठक में वर्चुअल तौर पर जुड़ चुके थे। परंतु सुखजिंदर रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, अरुणा चौधरी, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और गुरप्रीत कांगड़ बैठक में नहीं जुड़े। इन सभी को बुलावा भेजकर बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया तो कुछ समय के लिए वह बैठक में शामिल हुए। इसके बाद कैप्टन ने कहा कि मालेरकोटला वाला एजेंडा पास करना जरूरी है क्योंकि पांच जून को जिले का उद्घाटन किया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा सिर्फ एक और एजेंडा पारित कर बैठक खत्म कर दी गई।

एक मंत्री ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जब पंजाब कांग्रेस के विवाद को लेकर हाईकमान की ओर से बनाई गई कमेटी विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक कर रही है तो ऐसे में मुख्यमंत्री की अगुआई में होने वाली कैबिनेट बैठक में कैसे शामिल हुआ जा सकता है। एक अन्य वरिष्ठ मंत्री ने तो यहां तक कहा कि उन्होंने आज तक ऐसी बैठक नहीं देखी जिसमें 32 एजेंडे पेश होने वाले हों और केवल दो पास किए गए। दो एजेंडे पास करने के बाद यह भी कहा गया कि कैबिनेट की बैठक दोबारा जल्द बुलाई जाएगी।

गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह खत्म करने के लिए पार्टी प्रधान सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय कमेटी हरीश रावत, मल्लिकार्जुन खड़गे और जय प्रकाश अग्रवाल की अगुआई में कमेटी का गठन किया है। कमेटी पिछले सोमवार से विधायकों, सांसदों व सीनियर नेताओं से मिल रही है। वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी तीन सदस्यीय कमेटी से मुलाकात करेंगे।

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