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चार मंत्रियों व 20 विधायकों की पंजाब CM कैप्‍टन अमरिंदर के खिलाफ बगावत, बाद में छह MLAs पलटे

Navjot Singh Sidhu Vs Captain Amrinder Singh पंजाब में मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत हो गई है। नवजाेत सिंह सिद्धू खेमे न दावा किया कि चार मंत्रियों व 20 विधायकों ने कहा है कि सीएम को बदला जाए। बाद में छह विधायक पलट गए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 25 Aug 2021 07:21 AM (IST)
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पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू व पंजाब के मुख्‍यमंत्रभ्‍ कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।
चंडीगढ़ , [कैलाश नाथ]। Navjot Singh Sidhu Vs Captain Amrinder Singh: कांग्रेस कही अंतर्कलह रम चरम पर पहुंच गई है। सिद्धू खेमे ने सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत कर दी है और उनको हटाने की आवाज उठा दी है। चार कैबिनेट मंत्रियाें और 20 विधायकों ने बैठक कर कैप्‍टन अमरिंदर सिंह काे मुख्‍यमंत्री पद से हटाने की मांग कर दी। इसके बाद पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू ने चार मंत्रियों और नाराज कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की और आगे की रणनीति बनाई। बैठक के बाद सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि पूरी स्थिति के बारे में आलाकमान को जानकारी दी जाएगी। वैसे मामले में उस समय नया ट्विस्‍ट आ गया जब देर रात एक पूर्व विधायक और छह विधायकों ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मुहिम में शामिल होने से इन्‍कार किया। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी में साजिश रच रहे हैं। वे पूरी तरह से कैप्‍टन अमरिंदर सिं‍ह के साथ हैं।

सात विधायकों कुलदीप वैद्य, दलबीर सिंह गोल्‍डी, संतोख सिंह भलाईपुर, अंगद सिंह , अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और गुरकीरत सिंह कोटली ने देर रात बयान जारी कर कहा कि वे मुख्‍यमंत्री को हटाने की कथित मुहिम और मांग में किसी तरीके से शामिल नहीं हैं।

कैबिनेट मंत्री तृप्‍त राजिंदर बाजवा के आवास पर बागी मंत्रियों और विधायकों की बैठक हुई

दरअसल, अचानक हुए घटनाक्रम में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के चार कैबिनेट मंत्री और 20 विधायक मंत्री तृप्‍त राजिंदर बाजवा के आवास पर जमा हुए और उनकी बैठक हुई। इन बागी मंत्रियों और विधायकों ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भरोसा नहीं है। बागी विधायकों व मंत्रियों का पांच सदस्यीय एक शिष्टमंडल पार्टी हाईकमान से मिलेगा और मुख्यमंत्री को बदलने की मांग करेगा। हालांकि मुख्यमंत्री को बदलने की मांग को लेकर बागी मंत्री खुल कर कुछ नहीं बोल रहे है। दबी जुबां से कह रहे है कि हाईकमान से मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की जाएगी। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायक हैं।

कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के सरकारी आवास पर हुई इस बैठक के बाद पंजाब की राजनीति गर्मा गई। कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह कहा कि मुख्यमंत्री पर अब भरोसा नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री के साथ पंजाब के मसले हल नहीं हो सकते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत के स्वर लंबे समय से पनप रहे थे। कैप्टन की मुखालफत करने वाले मंत्री व विधायक लगातार इस पर काम कर रहे थे कि मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की जाए। मंगलवार को यह फैसला तब हुआ पंजाब विधान सभा का मानसून सत्र आने वाला है। इसे लेकर 26 अगस्त को कैबिनेट बैठक होने वाली है।

पंजाब के बागी कैबिनेट मंत्रियों व नेताओं के साथ नवजोत सिं‍ह सिद्धू।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, आलाकमान को स्थिति से अवगत कराएंगे

कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत करने के उपरांत मंत्रियों व विधायकों ने देर शाम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बैठक की। करीब एक घंटा चली बैठक के दौरान विधायकों ने प्रदेश प्रधान को सारी वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार से पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री पर विश्वास न होने का प्रस्ताव पास किया है।

इस बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्रियों में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा विधायकों में परगट सिंह, जूनियर अवतार हैनरी, तरसेम डीसी, बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा, दविंदर घुबाया, कुलबीर जीरा, दर्शन बराड़ और परमिंदर पिंकी मौजूद थे। सिद्धू ने विधायकों को भरोसा दिलवाया कि वह पार्टी हाईकमान को वस्तुस्थिति से अवगत करवाएंगे।

पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बैठक के बाद ट्वीट किया कि तृप्‍त राजिंदर बाजवा ने मुझे फाेन कर इमरजेंसी बैठक के लिए अनुरोध किया।। इसके बाद मैं बाजवा और अपने अन्‍य सहयोगियों से पंजाब कांग्रेस कार्यालय में मिला। कांग्रेस आलाकमान को पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा।

सिद्धू ने बगावत करने वाले चार मंत्रियों को बैठक के लिए बुलाया

दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से बगावत करने वाले चारों कैबिनेट मंत्रियों व अन्‍य नेताओं की बैठक के लिए बुलाई। इन मंत्रियों व नेताओं को नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे का समझा जाता है। बताया जाता है कि इस बैठक सीएम बदलने की मांग को लेकर हाईकमान से मिलने के लिए रणनीति तैयार की गई।

पांच सदस्यों वाला एक शिष्टमंडल मिलेगा हाईकमान को, मुख्यमंत्री को बदलने की करेगा मांग

मंगलवार को बाजवा के घर पर चार मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखजिंदर सिंह रंधावा और 20 विधायकों में कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान संगत सिंह गिलजियां, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव परगट सिंह भी शामिल थे। हालांकि इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू उपस्थित नहीं थे। सिद्धू के साथ मंत्रियों व विधायकों की बैठक देर शाम को हुई। चरणजीत सिंह चन्नी ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि पांच सदस्यों वाला एक दल पार्टी हाईकमान से मिलेगा और उन्हें बताएगा कि मुख्यमंत्री पर उन्हें भरोसा नहीं है। चन्‍नी ने बताया कि इस दल की अगुवाई कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा करेंगे ओर इसमें सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर रंधावा, वह खुद (चन्नी) और परगट सिंह शामिल होंगे।

कैप्टन अमरिंदर अकालियों से मिले हुए हैं : बाजवा

तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया कि वह शिरोमणि अकाली दल के साथ मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान से मिलकर सारी बात बताएंगे। हाईकमान अगर देर करेगी तो अपनी कब्र खुद खोदेगी। कैप्टन कांग्रेस को खत्म करने की कोशिश कर रहे है। वह कांग्रेस का भविष्य खराब कर रहे हैं। बाजवा ने कहा, कैप्टन की नीति है कि मैं (कैप्टन) जाऊं तो वो (शिअद) आ जाए। अगर पंजाब में कांग्रेस दोबारा आती है तो राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को पुनर्जीवन दिया जा सकता है।

बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा और स‍ुखजिंदर सिंह रंधावा। (जागरण)

कैप्टन अमरिंदर पर भरोसा नहीं रहा: चन्नी

कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि मुख्यमंत्री पर अब भरोसा नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री के साथ पंजाब के मसले हल नहीं हो रहे हैं। यह कोई व्यक्तिगत मसले नहीं है। ये वहीं मुद्दे है जिन्हें हल करने का वायदा कांग्रेस ने चुनाव में किया था। इनमें बेअदबी कांड के दोषियों को सजा दिलवाना, बरगाड़ी गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलवाना, दलितों के मुद्दे आदि शामिल हैं। इन्ही मुद्दों को लेकर कांग्रेस 2017 में जीत कर आई थी।

मंत्री पद छीने जाने का डर नहीं: रंधावा

एक अन्‍य कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि मंत्रियों ने अपने मेरिट पर विभाग चलाया है। मंत्री पद से हटाए जाने का उन्हें डर नहीं है। मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं रह गया है। बेअदबी कांड, बिजली के समझौते को रद करने मुद्दों पर लोग सवाल पूछ रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह अमृतसर में 1000 लोगों के साथ समारोह कर सकते हैं, विधायकों के साथ बैठक कर सकते हैं लेकिन कैबिनेट बैठक आमने-सामने बैठ कर नहीं बल्कि वर्चुअल होगी, ऐसा क्यों। रंधावा ने कहा कि यह मुद्दे इतने नहीं बढ़ते, लेकिन संवादहीनता काफी बढ़ गई। अब पानी सिर से ऊपर जाने लगा है।

कैप्टन की वर्किंग पर विधायकों को भरोसा नहीं: परगट सिंह

कांग्रेस के विधायक परगट सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री की वर्किंग पर विधायकों को भरोसा नहीं रह गया है। वह कैप्टन की वर्किंग से खुश नहीं है। यह किसी ग्रुप की नहीं बल्कि कांग्रेस को बचाने की कोशिश है। पार्टी हाईकमान से मिलकर उन्हें सारी बात बताई जाएगी। पांच सदस्यीय शिष्टमंडल आज ही दिल्ली जाएगा।

सोनिया गांधी से अभी नहीं मिला है समय

कांग्रेस के विधायकों व मंत्रियों ने भले ही खुल कर बगावत का झंडा बुलंद कर लिया है और पार्टी की कार्यवाहक अध्‍यक्ष से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे हैं लेकिन सोनिया गांधी से अभी उन्हें समय नहीं मिला है। तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का कहना है कि जब दिल्ली जाएंगे तो समय भी मिल ही जाएगा। कमोवेश यही बात परगट सिंह ने भी कही।

ये विधायक व मंत्री थे मौजूद

बैठक में चार मंत्रियों में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, चरणजीत सिंह चन्नी, समेत विधायकों में संगत सिंह गिलजियां, कुलदीप सिंह वैध, सुरजीत सिंह धीमान, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, जूनियर अवतार हैनरी, हरजोत कमल, अमरीक सिंह ढिल्लों, संतोख सिंह भलाईपुर, परमिंदर सिंह पिंकी, मदनलाल जलालपुर, गुरकीरत कोटली, लखबीर सिंह लक्खा, देवेंदर घुबाया, प्रीतम सिंह कोर्ट भाई, कुलबीर जीरा, दर्शन बराड़, दल‍बीर सिंह गोल्डी, परगट सिंह, काका रणदीप सिंह, अंगद सिंह आदि उपस्थित थे।

दूसरी ओर,एमाना जा रहा है कि कैप्टन विरोधी खेमा न सिर्फ पार्टी हाईकमान बल्कि मुख्यमंत्री पर भी दबाव बनाना चाहता है। कांग्रेस का एक धड़ा बेअदबी और पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी पर कड़ी कारवाई न किए जाने ने नाराज चल रहा है। सुखजिंदर रंधावा पहले ही खुल कर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम, डीजीपी विजिलेंस बीके उप्पल और एडवोकेट जनरल अतुल नंदा का इस्तीफा मांग चुके हैं।

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